मकानों की गणना के साथ ही एक अप्रैल, 2026 से जनगणना का पहला चरण शुरू होगा
Census 2025
नई दिल्ली । भारत के जनगणना आयुक्त और महापंजीयक मृत्युंजय कुमार नारायण ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्य सचिवों को लिखे पत्र में कहा है कि मकानों की गणना के साथ ही एक अप्रैल, 2026 से जनगणना का पहला चरण शुरू होगा। इससे पहले राज्यों और जिला प्रशासन के सहयोग से पर्यवेक्षकों, गणनाकारों की नियुक्ति और उनके बीच कार्य वितरण का काम किया जाएगा।
महापंजीयक एवं जनगणना आयुक्त कार्यालय ने लोगों से पूछे जाने वाले लगभग तीन दर्जन प्रश्न तैयार किए हैं। सर्वेक्षण के दौरान घरों में फोन, इंटरनेट, वाहन (साइकिल, स्कूटर, मोटरसाइकिल, कार, जीप, वैन) और उपकरणों (रेडियो, टीवी, ट्रांजिस्टर) जैसी वस्तुओं के स्वामित्व के बारे में पूछा जाएगा।
लोगों से अनाज की खपत, पीने के पानी और बिजली के स्त्रोत, शौचालयों के प्रकार और उनकी उपलब्धता, अपशिष्ट जल निपटान, स्नान और रसोई की सुविधाएं, खाना पकाने के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले ईंधन और एलपीजी/पीएनजी कनेक्शन के बारे में भी पूछा जाएगा। अतिरिक्त प्रश्नों में मकान के फर्श, दीवारों और छत में प्रयुक्त सामग्री, उसकी स्थिति, निवासियों की संख्या, कमरों की संख्या, विवाहित जोड़ों की उपस्थिति तथा क्या परिवार की मुखिया महिला है और परिवार अनुसूचित जाति या जनजाति से है, आदि शामिल हैं।
पत्र के अनुसार, जनगणना दो चरणों में होगी। एक अप्रैल, 2026 से मकान गणना कार्य, पर्यवेक्षकों और गणनाकारों की नियुक्ति और उनके बीच कार्य विभाजन किया जाएगा। जबकि, एक फरवरी, 2027 से जनगणना शुरू होगी। पहले चरण यानी मकान गणना अभियान में प्रत्येक घर की आवासीय स्थिति, संपत्ति और सुविधाओं के बारे में जानकारी एकत्र की जाएगी।
इसके बाद दूसरे चरण यानी जनसंख्या गणना में हर घर में रहने वाले लोगों की संख्या, उनका सामाजिक आर्थिक, सांस्कृतिक और अन्य विवरण एकत्र किया जाएगा, जो एक फरवरी, 2027 से निर्धारित है। जनगणना गतिविधियों के लिए 34 लाख से अधिक गणनाकार और पर्यवेक्षक तथा लगभग 1.3 लाख जनगणना कार्यकर्ता तैनात किए जाएंगे। यह अब तक की 16वीं जनगणना है तथा स्वतंत्रता के बाद आठवीं जनगणना है।
आगामी जनगणना मोबाइल एप्लीकेशन का उपयोग करके डिजिटल माध्यम से की जाएगी। लोगों को स्व-गणना का प्रविधान भी उपलब्ध कराया जाएगा। नारायण ने कहा कि जनगणना के लिए सभी गांवों और कस्बों को एक समान गणना ब्लाकों में विभाजित किया जाता है और प्रत्येक ब्लाक के लिए एक गणनाकर्ता नियुक्त किया जाता है ताकि जनसंख्या गणना के दौरान किसी भी चूक या दोहराव से बचा जा सके। राज्यों से यह भी कहा गया है कि वे प्रशासनिक इकाइयों की सीमाओं में प्रस्तावित कोई भी बदलाव 31 दिसंबर से पहले करें ।
पहली बार डिजिटल जनगणना, 90 साल बाद 34 लाख गणनाकर्ता मोबाइल एप व स्मार्टफोन के साथ जुटाएंगे जनगणना और जातिगत आंकड़े
16 जून 2025
भारत की 16 वीं जनगणना 2027 में होने जा रही है... 90 साल बाद यानी साल 1931 के बाद, पहली बार सभी जातियों का आंकड़ा जुटाया जाएगा। यह पूरी तरह डिजिटल जनगणना होगी, जिसमें 34 लाख गणनाकर्ता मोबाइल एप व स्मार्टफोन के साथ मैदान में उतरेंगे।
देश में मार्च 2027 से दो चरणों में होगी जनगणना
नई दिल्ली । केंद्र सरकार ने मार्च 2027 से जातिगत गणना के साथ ही भारत की 16वीं जनगणना कराने के लिए सोमवार को अधिसूचना जारी की। पिछली बार ऐसी जनगणना वर्ष 2011 में हुई थी। यह जनगणना दो चरणों में की जाएगी।
अधिसूचना में कहा गया है कि देश के ज्यादातर राज्यों में जनगणना के लिए एक मार्च 2027 की आधी रात को आधार माना जाएगा। बर्फबारी वाले राज्यों जम्मू-कश्मीर के कुछ हिस्से, हिमाचल प्रदेश, लद्दाख और उत्तराखंड में यह तारीख एक अक्बूतर 2026 तय की गई है। देशभर से जनसंख्या संबंधी आंकड़े उपलब्ध कराने का यह कार्य 34 लाख गणनाकर्ताओं, पर्यवेक्षकों और डिजिटल उपकरणों से लैस लगभग 1.3 लाख जनगणना कर्मियों द्वारा किया जाएगा। एक बयान में कहा गया है कि जनगणना के साथ ही जातिगत गणना भी की जाएगी।
पहले चरण में हाउसलिस्टिंग ऑपरेशन प्रत्येक घर की आवासीय स्थिति, संपत्ति और सुविधाओं का विवरण एकत्र किया जाएगा। वहीं दूसरे चरण में जनसंख्या गणना, जनसांख्यिकीय, सामाजिक-आर्थिक स्थिति, सांस्कृतिक स्थिति और प्रत्येक घर में प्रत्येक व्यक्ति का अन्य विवरण एकत्र किया जाएगा। जनगणना की पूरी प्रक्रिया लगभग 21 महीनों में पूरी होगी।
राष्ट्रीय डिजिटल जनगणना के लिए अधिसूचना जारी
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