B.Ed Syllabus में बड़ा बदलाव! स्कूली पाठ्यक्रम '5-3-3-4' के आधार पर तैयार की गई नई रूपरेखा

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B.Ed Syllabus में बड़ा बदलाव! स्कूली पाठ्यक्रम '5-3-3-4' के आधार पर तैयार की गई नई रूपरेखा
B.Ed Syllabus 2023: देश में 'शिक्षा में स्नातक' यानी बीएड पाठ्यक्रम का स्वरूप पूरी तरह से बदलने वाला है। देश में अध्यापक शिक्षा के लिए मानदंडों और मानकों को तैयार करने वाले राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद (एनसीटीई) के मुताबिक अब बीएड पाठ्यक्रम चार स्तर का होगा।

B.Ed Syllabus
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एनसीटीई ने चार-वर्षीय एकीकृत अध्यापक शिक्षा कार्यक्रम (आइटीईपी) की पाठ्यक्रम रूपरेखा तैयार की है। इसके मुताबिक देश में बीएड के पाठ्यक्रम अब चार स्तर के होंगे। हमारे देश में स्कूली पाठ्यक्रम '10 जमा 2' के हिसाब से चलता था लेकिन साल 2000 में आई नई शिक्षा नीति में स्कूली पाठ्यक्रम को '5-3-3-4' के हिसाब कर दिया।

इसका मतलब है कि अब स्कूली शिक्षा को तीन से आठ साल, आठ से 11 साल, 11 से 14 साल, और 14 से 18 साल उम्र के बच्चों के लिए विभाजित किया गया है। इसमें प्राइमरी से दूसरी कक्षा तक 'फाउंडेशन स्टेज', फिर तीसरी से पांचवीं तक 'प्रीप्रेटरी स्टेज', छठी से आठवीं तक 'मिडिल स्टेज' और नौंवी से 12वीं तक 'सेकेंडरी स्टेज' बताया गया है। इन चरणों के मुताबिक ही बीएड के पाठ्यक्रम को तैयार किया गया है। मान लीजिए कोई युवा 'मिडिल स्टेज' यानी छठी से आठवीं कक्षा तक के विद्यार्थियों को पढ़ाना चाहता है तो उसे इस स्तर से संबंधित बीएड पाठ्यक्रम करना होगा। यही बात अन्य स्तर पर भी समान रूप से लागू होगी।

देश में अभी तक बीएड पाठ्यक्रम एक ही तरह का होता था। बीएड डिग्रीधारी युवा छठी से दसवीं कक्षा तक के विद्यार्थियों को पढ़ाने की योग्यता रखते थे। पहली से पांचवीं कक्षा तक के विद्यार्थियों को पढा़ने के लिए बीटीसी, डीएलएड या ईटीई जैसे पाठ्यक्रम करते थे। वहीं, कक्षा 11 और 12 के विद्यार्थियों को पढ़ाने के लिए अध्यापक के पास स्नातकोत्तर डिग्री होना भी अनिवार्य होता था।

बीएड के 12 विकल्प विद्यार्थियों को मिलेंगे

आइटीईपी की नई पाठ्यक्रम रूपरेखा के मुताबिक बीएड के कुल 12 विकल्प विद्यार्थियों को उपलब्ध होंगे। बारहवीं कक्षा में पढ़ने वाले ऐसे विद्यार्थी जिनके पास कला विषय हैं, उनके पास बीए बीएड- 'फाउंडेशन स्टेज', बीए बीएड-'प्रीप्रेटरी स्टेज', बीए बीएड-'मिडिल स्टेज' और बीए बीएड-'सेकेंडरी स्टेज' का विकल्प मौजूद होगा। बारहवीं में कामर्स विषय पढ़ने वाले विद्यार्थियों के पास बीकाम बीएड- 'फाउंडेशन स्टेज', बीकाम बीएड-'प्रीप्रेटरी स्टेज', बीकाम बीएड-'मिडिल स्टेज' और बीकाम बीएड-'सेकेंडरी स्टेज' का विकल्प उपलब्ध होगा। इसी तरह बारहवीं में विज्ञान विषय पढ़ने वाले विद्यार्थियों के पास बीएससी बीएड- 'फाउंडेशन स्टेज', बीएससी बीएड-'प्रीप्रेटरी स्टेज', बीएससी बीएड-'मिडिल स्टेज' और बीएससी बीएड-'सेकेंडरी स्टेज' का विकल्प मौजूद होगा।

अन्य स्नातक डिग्री पाठ्यक्रमों की तरह ही आइटीईपी में भी पहले, दूसरे और तीसरे साल में बाहर आने और फिर से शुरुआत करने का विकल्प दिया जाएगा। पहले साल के बाद पाठ्यक्रम से बाहर आने वाले अध्यापक विद्यार्थियों को प्रमाणपत्र, दूसरे साल के बाद डिप्लोमा और तीसरे साल के बाद बाहर आने वालों को स्नातक डिग्री मिलेगी। चार साल या आठ सेमेस्टर पूरे करने वाले विद्यार्थियों को ही ड्यूल डिग्री (बीए बीएड) दी जाएगी। आइटीईपी की नई पाठ्यक्रम रूपरेखा में विशेषज्ञता पर विशेष जोर दिया गया है। देश में 2030 के बाद चार-वर्षीय एकीकृत अध्यापक शिक्षा कार्यक्रम (आइटीईपी) से डिग्रीधारी युवाओं को ही स्कूलों में नौकरी मिलेगी।

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