PPF INVESTMENT यदि आप आयकर बचाने के लिए पीपीएफ़ में निवेश करते हैं तो वित्त वर्ष के पहले माह की 5 तारीख तक अपने खाते में जमा कीजिए पैसे, मिलेगा लाभ

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यदि आप आयकर बचाने के लिए पीपीएफ़ में निवेश करते हैं तो वित्त वर्ष के पहले माह की 5 तारीख तक अपने खाते में जमा कीजिए पैसे, मिलेगा लाभ

किसी भी व्यक्ति को भविष्य के लिए पैसे बचाने और आयकर के सेक्शन 80सी के तहत इसमें राहत पाने के लिए पब्लिक प्रोविडेंट फंड (पीपीएफ) में निवेश बहुत ही बेहतरीन विकल्प है। क्योंकि पीपीएफ में आपको गारंटी के साथ रिटर्न मिलता है और टैक्स की बचत भी होती है।


इसलिए यदि आप भी इनकम टैक्स बचाने के लिए पीपीएफ में निवेश करते हैं तो आपको 5 तारीख का फंडा सदैव याद रखने की जरूरत है।

यदि आप वर्ष में एक बार निवेश करते हैं तो वित्त वर्ष के पहले माह की 5 तारीख तक अपने खाते में पैसे डालिए, क्योंकि इसकी वजह से आपके पीपीएफ में निवेश की पूरी गणना (कैलकुलेशन) बदल जाती है। क्योंकि यदि आप 5 तारीख की जगह 6 तारीख को अपने पीपीएफ अकाउंट में पैसे डालते हैं तो आपको मिलने वाला ब्याज (रिटर्न) घट जाता है। इसलिए पीपीएफ अकाउंट में निवेश करने वाले हरेक व्यक्ति को 5 तारीख गंभीरता पूर्वक याद रखने की जरूरत है।

वहीं, यदि आप हर महीने अपने पीपीएफ खाते में पैसे डालते हैं तो भी 5 तारीख तक ही पीपीएफ में निवेश कीजिए। क्योंकि यदि आप ऐसा करते हैं तो आपको अधिक ब्याज मिलता है। बता दें कि जब पीपीएफ में निवेश की बात आती है तो इस पर मिलने वाले ब्याज के कैलकुलेशन को समझना बहुत ही जरूरी है। इस तरह से आप यदि पीपीएफ में निवेश करने के लिए 5 तारीख के फंडे को याद रखते हैं तो आपको मिलने वाला ब्याज आश्चर्यजनक तरीके से बदल जाता है।

गौरतलब है कि पीपीएफ खाते में निवेश करने पर आपको सालाना 7.1 फ़ीसदी की दर से ब्याज मिलता है। चालू वित्त वर्ष की शुरुआत से कई छोटी बचत स्कीम के ब्याज दर बदल दिए गए हैं, लेकिन सरकार ने पीपीएफ के ब्याज दर में कोई बदलाव नहीं किया है। दरअसल, पीपीएफ पर ब्याज दर की गणना मासिक आधार पर होता है। हालांकि इस ब्याज को हर वित्त वर्ष के आखिर में आपके खाते में जमा किया जाता है।

वहीं, पीपीएफ पर आपको कितना ब्याज मिलेगा, इसके कैलकुलेशन में 5 तारीख वाला फैक्टर अहम रोल निभाता है। मसलन, प्रत्येक महीने की 5 तारीख से पहले पीपीएफ खाते में पैसे जमा करने पर आपको उस महीने का भी ब्याज मिलता है, जबकि 28 (फरवरी माह में), 29 (लीप ईयर में फरवरी माह में), 30 (सम्बंधित माह की अंतिम तारीख) या 31 तारीख (सम्बंधित माह की अंतिम तारीख) के बीच रकम जमा करने पर सबसे कम बैलेंस पर ब्याज दिया जाता है।

इस तरह से यदि आप प्रत्येक महीने की 5 तारीख को या उससे पहले पीपीएफ में निवेश कर देते हैं तो आपको अधिक ब्याज मिलता है। उदाहरणतया, मान लीजिए कि आपने अपने पीपीएफ अकाउंट में 5 अप्रैल को 1.5 लाख रुपए डाले। ऐसे में साल के लिए 7.1 फीसदी ब्याज दर से आपको मौजूदा वित्त वर्ष के लिए कुल 10,650 रुपए का ब्याज मिलेगा। लेकिन जब आप यह रकम 6 अप्रैल या उसके बाद डालते हैं तो आपको इस वित्त वर्ष के सिर्फ 11 महीने के लिए ब्याज मिलेगा। इस परिस्थिति में आपको पीपीएफ़ की रकम पर सिर्फ 9763 रुपए का ब्याज मिलेगा। कहने का तात्पर्य यह कि सिर्फ एक दिन के उलट फेर से आपको 887 रुपए का नुकसान हो जाता है।

इस प्रकार यदि आपको पीपीएफ पर अधिक ब्याज कामना है तो अच्छा होगा कि आप वित्त वर्ष की शुरुआत में ही पीपीएफ एकाउंट में अपना पूरा पैसा डाल दें। क्योंकि यदि आप 5 अप्रैल को या उससे पहले ही पूरे वित्त वर्ष के लिए आयकर कानून के सेक्शन 80सी के तहत टैक्स बचाने के लिए 1.5 लाख रुपए का निवेश कर देते हैं तो आपके पूरे पैसे पर ब्याज मिलता रहेगा। वहीं, यदि आप प्रत्येक महीने किस्तों में पीपीएफ अकाउंट में पैसे डालते हैं तो वित्त वर्ष के आखिर में आपको मिलने वाला ब्याज कम हो जाएगा।

- कमलेश पांडेय

वरिष्ठ पत्रकार व स्तम्भकार

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