अब हर छात्र की होगी 12 अंकों की यूनिक आईडी बाल वाटिका से पीएचडी तक करेगी काम
Now every student will have a unique 12 digit ID which will work from Kindergarten to PhD.
APAAR
"ONE NATION, ONE ID"
स्कूली छात्रों की यूनिक आईडी बनाने के लिए राज्यों से जानकारियां जुटाई जा रही हैं। योजना लागू होने पर स्कूल से लेकर उच्च शिक्षा तक छात्र देश में कहीं भी जाकर अपनी पढ़ाई पूरी कर सकता है। फिलहाल, ट्रांसफर सर्टिफिकेट से लेकर अन्य जटिलताओं के कारण इस प्रक्रिया (माइग्रेशन) में परेशानियों का सामना करना पड़ता है।
शैक्षिक सत्र 2024-25 से लागू होगी व्यवस्था
■ शिक्षा, छात्रवृत्ति व नौकरी में होगी मददगार, दूसरे राज्यों के स्कूल या कॉलेज में भी पढ़ाई होगी आसान
इस तरह से करेगा काम: बाल वाटिका में जैसे ही छात्र दाखिला लेगा, उसकी एपीएएआर बन जाएगी। इसमें छात्र व माता-पिता के नाम, जन्मतिथि, लिंग, फोटो व आधार नंबर डाला जाएगा। यह आईडी उसके उच्च शिक्षा में भी काम आएगी। बोर्ड परीक्षा, जेईई, नीट, सीयूईटी समेत अन्य राष्ट्रीय प्रवेश परीक्षाओं के आवेदन पत्र में छात्र को यही आईडी अपलोड करनी होगी।
डिजिलॉकर व एकेडमिक बैंक ऑफ क्रेडिट से जुड़ेगी
यह आईडी डिजिलॉकर व एकेडमिक बैंक ऑफ क्रेडिट से भी जुड़ रही है। जब कोई छात्र किसी कोर्स, डिग्री, सर्टिफिकेट, स्किल या कोई अन्य उपलब्धि हासिल करेगा, तो उसके सर्टिफिकेट उसमें जुड़ जाएंगे। इससे छात्र की शैक्षणिक योग्यता व सर्टिफिकेट की जांच अलग से नहीं करनी होगी। पढ़ाई के बाद कैंपस प्लेसमेंट व नौकरी में भी इसी यूनिक आईडी से सत्यापन हो जाएगा।
अभ्यर्थी का सत्यापन होगा आसान
इस आईडी से बोर्ड परीक्षा, जेईई मेन, नीट, सीयूईटी यूजी व पीजी समेत अन्य राष्ट्रीय प्रतियोगिता परीक्षा, दाखिला, छात्रवृत्ति से लेकर नौकरी तक अभ्यर्थी का सत्यापन आसान हो जाएगा। यदि कोई छात्र बीच में पढ़ाई छोड़ता है, तो उसे ट्रैक करना आसान होगा। प्रवेश परीक्षा में कोई भी छात्र किसी अन्य की जगह परीक्षा नहीं दे पाएगा। सर्टिफिकेट व डिग्री के फर्जीवाड़े से निजात मिलेगी। छात्रों का डाटा पूरी तरह से सुरक्षित रहेगा। -प्रो. अनिल सहस्त्रबुद्ध, अध्यक्ष, હલયુg नेशनल एजुकेशनल टेक्नोलॉजी फोरम