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नई दिल्ली, । केंद्रीय वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण जुलाई के दूसरे पखवाड़े में वित्त वर्ष 2025 के लिए पूर्ण केंद्रीय बजट पेश करेंगी। विशेषज्ञों और आम लोगों को उम्मीद है कि इस बजट में केंद्र सरकार आयकर जमा करने वाले करदाताओं को बड़ी राहत दे सकती है।
सूत्रों के मुताबिक, बजट में सरकार नई कर व्यवस्था के तहत आयकरदाताओं को मानक कटौती यानी स्टैंडर्ड डिडक्शन की राहत की सीमा बढ़ा सकती है। कहा जा रहा है कि वित्त मंत्रालय आयकर की पुरानी कर व्यवस्था को छेड़े बिना, नई कर प्रणाली में मानक छूट की सीमा को बढ़ाने पर विचार कर रही है। वहीं पूंजीगत लाभ कर प्रणाली में बदलाव की कोई संभावना नहीं है। दरअसल, यह एक ऐसा मुद्दा है जिस पर आयकर विभाग समीक्षा चाहता है।
आयकर मानक कटौती में छूट की सीमा (मानक कटौती) एक निश्चित राशि है जिसे वेतनभोगी टैक्स के तहत आने वाली कमाई से वास्तविक व्यय का सबूत दिए बिना घटा सकते हैं। इसका मकसद नौकरी करने वाले लोगों और व्यवसाय से आय वाले व्यक्तियों के बीच निष्पक्षता बनाना है। कर में मानक कटौती पुरानी और नई दोनों आयकर प्रणालियों में लागू होती है/
बजट 2023 में हुई थी इस कटौती की शुरुआत
बता दें कि साल 2023 के केंद्रीय बजट में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने नई कर व्यवस्था के तहत वेतन पाने वाले करदाताओं और पेंशनभोगियों के लिए 50,000 रुपये की मानक कटौती की शुरुआत की थी। यह मानक कटौती ड़िफॉल्ट विकल्प बन गई, हालांकि करदाता इसे बंद भी कर सकता है। इसके अलावा नई कर प्रणाली के तहत सात लाख रुपये से कम की आय पर धारा 87ए के तहत छूट बढ़ा दी गई है। इस बदलाव के बाद सात लाख से कम की आय वाले करदाताओं को नई कर व्यवस्था के तहत करों के भुगतान में छूट मिलती है।