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इसके बाद कई जगह शिक्षकों ने बच्चों को पढ़ाना शुरू कर दिया तो कुछ जगह विरोध-प्रदर्शन भी हुआ।
नगर क्षेत्र के अम्बेडकर नगर विद्यालय में सुबह 7.38 पर शिक्षिकाएं विद्यालय तो पहुंची पर डिजिटल हाजिरी की बजाय उन्होंने रजिस्टर पर हस्ताक्षर किया। डिजिटल हाजिरी के विरोध में उनका कहना था कि शिक्षक संगठन का यह फैसला है इसलिए वह रजिस्टर पर ही हाजिरी दर्ज कराएंगी।
परिषदीय विद्यालय औरंगाबाद में भी डिजिटल हाजिरी का विरोध किया गया। प्राथमिक शिक्षक संघ काकोरी अध्यक्ष अजय कुमार ने परिषदीय विद्यालयों में डिजिटल अटेंडेंस को लेकर विरोध किया। उन्होंने शिक्षकों से डिजिटल अटेंडेंस न लगाने की अपील की। वहीं काकोरी क्षेत्र के कई प्रधानाचार्यों ने बताया कि डिजिटल अटेंडेंस लगाने के दौरान लोकेशन अन्य जगह की दिख रही है। इसके चलते अटेंडेंस नहीं लग पा रही है। सॉफ्टवेयर में काफी दिक्कतें हैं।
सरकार ने इसे जल्दबाजी में लागू कर दिया। समस्या जस की तस ही बनी हुई है। मलिहाबाद के बेसिक विद्यालय दौलतपुर में शिक्षकों का कहना था कि 7.45 बजे से 8.00 बजे तक ही डिजिटल अटेंडेंस मशीन खुलती है एक मिनट भी लेट हो जाने पर बंद हो जाती है। यह कतई व्यावहारिक नहीं है। गढ़ी जिन्दौर के प्राथमिक विद्यालय, भतोइया सहित विद्यालयों में डिजिटल अटेंडेंस का विरोध किया गया।
इसी तरह मोहनलालगंज के परिषदीय विद्यालयों में भी सोमवार से शुरू होने वाली डिजिटल अटेंडेंस का अध्यापको व शिक्षामित्रो ने विरोध किया। शिक्षा मित्र संघ के अध्यक्ष प्रदीप सिंह ने बताया कर गांवों में बच्चे कभी कभी देर से स्कूल आते है जबकि मशीन पंद्रह मिनट ही चलती है इसका समय बढ़ाया जाए।
अच्छी योजना, पर सॉफ्टवेयर में समस्या
जिला उपाध्यक्ष कौशल किशोर श्रीवास्तव ने बताया सरकार द्वारा चलाई गई योजना बहुत ही अच्छी है। इसका हमारी ओर से कोई विरोध नहीं किया जा रहा है। अभी कंपोजिट विद्यालयों में टैबलेट दिए गए हैं। जहां पर शिक्षकों द्वारा डिजिटल अटेंडेंस लगाई जाएगी। सॉफ्टवेयर काम न करने पर डिजिटल अटेंडेंस नहीं लग पा रही है। इसके अलावा लोकेशन की स्थिति को लेकर भी शिक्षक असंतुष्ट है।
टैबलेट में डाला गया सिम पर शिक्षक के नंबर से चल रहा है एप
प्राथमिक शिक्षक संघ के जिला मंत्री वीरेंद्र सिंह ने बताया कि विभाग ने बगैर तैयारी के ही नई व्यवस्था लागू कर दी है। विभाग की ओर से उपस्थिति दर्ज कराने के लिए सिम और टैबलेट दिए गए हैं। इसके बाद शिक्षकों ने अपने मोबाइल पर मौजूद प्रेरणा एप हटाकर टैबलेट में डाउनलोड कर लिया। अभी तक प्रेरणा एप शिक्षकों के मोबाइल से चल रहा था। नंबर बदलने से एप नहीं चल पा रहा है। इसके अलावा इंटरनेट समेत कई अन्य समस्याएं भी हैं।