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शामली बच्चों की प्रतिभा निखारने और उन्हें शारीरिक व माध्यमिक रूप से मजबूत बनाने के लिए परिषदीय विद्यालयों में हर दिन अलग- अलग प्रार्थना सभाएं होंगी। प्रतिदिन योग और ध्यान भी कराया जाएगा। कई अन्य क्रिया कलाप भी कराएं जाएंगे। इसके लिए पूरा खाका तैयार करके परिषदीय विद्यालयों को भेजा गया है।
शिक्षा विभाग ने 2024-25 का एकेडमिक कैलेंडर और सामान्य निर्देश जारी किए हैं। इसमें कहा गया है कि रोज शिक्षण कार्य शुरू होने से पहले 15 मिनट प्रार्थना सभा करवाई जाए। सोमवार को शक्ति हमें दो दयानिधे, मंगलवार के दिन दया कर दान भक्ति का, हमें परमात्मा देना, बुधवार को ए मालिक तेरे बंदे हम, गुरुवार को सुबह-सुबह तेरा नाम प्रभु, शुक्रवार को हर देश में तू, हर भेष में तू और शनिवार को इतनी शक्ति हमें दे न दाता प्रार्थना कराई जाएगी। इसके अलावा प्रार्थना के बाद राष्ट्रगान कराया जाएगा। इसके बाद 5-7 मिनट का ध्यान और मेडिटेशन होगा।
हर शनिवार को लघु कथाएं सुनाई जाएंगी
विद्यालयों में प्रार्थना स्थल पर हर शनिवार को लैंगिक समानता को प्रोत्साहित करने वाली लघु कथाएं, प्रेरक, प्रसंग, गीत और अन्य गतिविधियों का आयोजन किया जाएगा। स्कूल के बाद ब्लॉक स्तर, जनपद, मंडल और राज्य स्तर पर भी खेलकूद प्रतियोगिताएं कराई जाएंगी। महापुरुषों के जन्मदिवस पर उनके जीवन और उनके योगदान के बारे में विस्तार से जानकारी दी जाएगी। विद्यालय अवधि के बाद प्रत्येक शनिवार को शिक्षा चौपाल भी लगाई जाएगी।
कोर्स पूरा न होने पर लगेंगी अतिरिक्त कक्षाएं
शैक्षिक कैलेंडर का शत प्रतिशत अनुपालन न हो पाने की स्थिति में अतिरिक्त कक्षाएं लगवाई जाएगी। वहीं विद्यालय अवधि के दौरान शिक्षक संगठनों की ओर से आयोजित किसी भी गतिविधि में स्कूल का कोई शिक्षक कर्मचारी शामिल नहीं होगा। अपरिहार्य स्थिति में मंजूरी लेने के बाद ही कोई इसमें शामिल हो सकता है।
नई शिक्षा नीति के तहत कई बदलाव किए जा रहे हैं। सप्ताह में प्रत्येक दिन अलग प्रार्थना होंगी। इसके लिए एक टीम बनाई जाएगी, जो स्कूलों में चेकिंग करेगी। एकेडमिक कैलेंडर के हिसाब से प्रार्थना नहीं होने पर स्कूल प्रधानाध्यापक पर कार्रवाई होगी। -कुमारी कोमल, बेसिक शिक्षा अधिकारी शामली