यह मूल्यांकन प्रदेश के 20 जिलों के 20-20 विद्यालयों का किया जाएगा।
इसमें आगामी 15 दिसम्बर तक टिस की टीम द्वारा चयनित जिलों मसलन सहारनपुर, बिजनौर, मेरठ, अलीगढ़, आगरा, शाहजहांपुर, सीतापुर, कानपुर नगर, बांदा, झांसी, लखनऊ, बाराबंकी, गोण्डा, बस्ती, गोरखपुर, बलिया, प्रयोगाराज, मीरजापुर, वाराणसी, तथा बुलन्दशहर में 20-20 स्कूलों का चयन कर प्रत्येक विद्यालय से पांच अभिभावक, एक अध्यापक, एक प्रधानाध्यापक तथा एक विद्यालय प्रबन्ध समिति के सदस्य से कुछ बिन्दुओं पर आंकड़े एवं सूचनाएं प्राप्त की जाएंगी।
इसमें प्रमुख रूप से छात्र-छात्राओं को डीबीटी का लाभ हुआ है या नहीं, डीबीटी से धनराशि प्राप्त हुई है या नहीं, प्राप्त धनराशि से बच्चों के लिए सामग्री क्रय की गई या नहीं, क्या अभिभावकों के खाते में धनराशि पहुंचने के एक माह के भीतर सामग्री क्रय की गई या नहीं, जैसी जानकारियों के साथ-साथ डीबीटी के बारे में शिक्षकों, अभिभावकों व विद्यालय प्रबन्ध समिति के सदस्यों का विचार लिया जायेगा।
साथ ही डीबीटी प्रक्रिया में क्या-क्या सुधार की जरूरत है, जैसे सवालों का उत्तर भी प्राप्त किया जाएगा। स्कूल शिक्षा के महानिदेशक विजय किरन आनन्द ने इस सम्बन्ध में सम्बन्धित सभी 20 जिलों के बेसिक शिक्षा अधिकारियों को पत्र भेजकर टिस की टीम को पूरा सहयोग करने के निर्देश दिए हैं।