दोहरा ग्रेच्युटी लाभ सभी को नहीं, एनपीएस में शामिल सरकारी कर्मचारियों के लिए नए दिशा-निर्देश जारी किए गए NPS GUIDELINES

दोहरा ग्रेच्युटी लाभ सभी को नहीं, एनपीएस में शामिल सरकारी कर्मचारियों के लिए नए दिशा-निर्देश जारी किए गए

नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने राष्ट्रीय पेंशन योजना (एनपीएस) में शामिल सरकारी कर्मचारियों के लिए ग्रेच्युटी नियमों को लेकर बड़ा स्पष्टीकरण जारी किया है। नए दिशा-निर्देशों में मुख्य रूप से उन कर्मचारियों पर ध्यान केंद्रित किया गया है, जो एक सेवा से सेवानिवृत्त होने के बाद दोबारा सरकारी नौकरी में शामिल होते हैं।

पेंशन और पेंशनभोगी कल्याण विभाग ने हाल ही में इस संबंध में कार्यालय आदेश जारी किया है, जिसमें बताया गया कि किन हालतों में कर्मचारी को दोबारा नौकरी के लिए अलग से ग्रेच्युटी नहीं मिलेगी। यह कदम कर्मचारियों के बीच चल रहे उन भ्रमों को दूर करने के लिए उठाया है, जो केंद्रीय सिविल सेवा (एनपीएस के तहत ग्रेच्युटी भुगतान) संशोधन नियम-2025 को लेकर बने हुए थे।



इसका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि किसी भी कर्मचारी को नियम विरुद्ध ग्रेच्युटी का दोहरा लाभ न मिले। साथ ही सैन्य कर्मियों के हितों की रक्षा हो सके।


पिछले सेवा के साल कैसे गिने जाएंगे: विभाग ने एनपीएस में शामिल केंद्र सरकार के कर्मचारियों के लिए पुरानी सेवा को ग्रेच्युटी में जोड़ने के तरीके भी बताए हैं। अगर कोई अलग अलग ग्रेच्युटी लेता है (जैसे राज्य और केंद्र से), तो कुल राशि इस बात पर निर्भर करेगी कि अगर पूरी सेवा एक जगह होती तो कितनी राशि मिलती। विशेषज्ञों का कहना है कि इस कदम से कर्मचारियों को ज्यादा फायदा नहीं मिलेगा, लेकिन नुकसान भी नहीं होगा। साथ ही सरकारी कर्मचारियों की सेवानिवृत्त योजना आसान हो जाएगी और अनावश्यक मुकदमे कम होंगे।


इन कर्मचारियों को नहीं मिलेगी दोहरी ग्रेच्युटी

नए निर्देशों के मुताबिक, अगर कोई सरकारी कर्मचारी अनिवार्य सेवानिवृत्ति (उम्र पूरी होने पर), स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति या सेवा से हटाए जाने के बाद 'अनुकंपा ग्रेच्युटी' ले चुका है और फिर से सरकारी नौकरी में आता है, तो उसे दोबारा की गई सेवा की अवधि के लिए अलग से ग्रेच्युटी नहीं दी जाएगी।


शर्तों के साथ पीएसयू में भी मिलेगा लाभ

अगर कोई कर्मचारी किसी सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम (पीएसयू) या किसी सरकारी स्वायत्त संस्था में काम करता था और फिर उचित अनुमति लेकर केंद्र सरकार की नौकरी में आया है तो वह दोनों जगह की ग्रेच्युटी का हकदार होगा। लेकिन शर्त यह होगी कि दोनों जगहों (पीएसयू और सरकारी नौकरी) को मिलाकर मिलने वाली कुल ग्रेच्युटी उस राशि से ज्यादा नहीं होनी चाहिए, जो उसे तब मिलती जब वह पूरी सेवा केवल एक ही जगह करता।


सेवानिवृत्त सैन्य कर्मियों के लिए बड़ी राहत

सेना से सेवानिवृत्त होकर सिविल सेवा (जैसे पुलिस या अन्य सरकारी विभाग) में आने वाले सैन्य कर्मियों के लिए अच्छी खबर है। विभाग ने साफ किया है कि सैन्य सेवा के दौरान मिली ग्रेच्युटी का असर उनकी नई सिविल सेवा की ग्रेच्युटी पर नहीं पड़ेगा। यानी सिविल सेवा में दोबारा नियुक्ति के बाद वे बिना किसी पुरानी कटौती के पूरी ग्रेच्युटी के हकदार होंगे।


राज्य से केंद्रीय सेवा में आने पर ये शर्तें

यही नियम उन लोगों पर भी लागू होता है जो पहले किसी राज्य सरकार की सेवा में थे और बाद में केंद्र सरकार की नौकरी में आ गए। उदाहरण के लिए यदि किसी ने 10 साल राज्य सरकार में और 20 साल केंद्र सरकार में काम किया, तो उसे कुल 30 साल की सेवा के आधार पर ग्रेच्युटी मिलेगी। इसकी गणना कर्मचारी के अंतिम आहरित वेतन के आधार पर की जाएगी ताकि उसे कोई नुकसान न हो, लेकिन यह तय सीमा से बाहर नहीं जाएगी।

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