उत्तर प्रदेश के संदर्भ में विकसित की गई एनसीईआरटी की कक्षा 4 की किताबों को मिली मंजूरी, अगले सत्र से होंगी लागू
एनसीईआरटी की किताब में ईएलटीआई ने किया बदलाव, संगीतकार रवींद्र जैन भी शामिल
प्रयागराज । कक्षा चार की अंग्रेजी की किताब में बच्चों को अंग्रेजों के दांत खट्टे करने वाली रानी लक्ष्मीबाई और मशहूर गायक, गीतकार और संगीतकार पद्मश्री रवीन्द्र जैन के बारे में भी संक्षेप में पढ़ाया जाएगा। 2026-27 सत्र से प्रदेश के एक लाख से अधिक परिषदीय प्राथमिक स्कूलों में कक्षा चार में एनसीईआरटी की किताबें लागू होने जा रही हैं। अंग्रेजी की किताब संतूर को आंग्ल भाषा शिक्षण संस्थान (ईएलटीआई) एलनगंज के विशेषज्ञों ने उत्तर प्रदेश के संदर्भ में विकसित किया है।
महारानी अहिल्याबाई होल्कर के राज्य महेश्वर पर आधारित पाठ में रानी लक्ष्मीबाई के बारे में भी बताया गया है। लिखा है कि उन्होंने 1957 में झांसी किले की रक्षा के लिए अंग्रेजों से बहादुरी से लड़ाई की थी। अलीगढ़ में जन्मे और टीवी धारावाहिक रामायण के जरिए घर-घर में मशहूर हुए दिवंगत रवीन्द्र जैन के बारे में संक्षिप्त जानकारी दी गई है। यूपी के लिए खासतौर से किताब में कई छोटे लेकिन महत्वपूर्ण बदलाव किए गए हैं। उदाहरण के तौर पर नागालैंड के पारंपरिक खेल हेक्को पर आधारित पाठ में यह स्पष्ट किया गया है कि हेक्को और कबड्डी लगभग एक ही जैसे खेल हैं। जैसे लगौरी/सतोलिया को बताया गया कि वह खेल पिट्ठ है। दक्षिण भारत के कुछ राज्यों में उपयोग में आने वाले शब्द चिन्ना को भी समझाया गया है। जैसे तमिल में चिन्ना का अर्थ छोटा जबकि कन्नड़ में चिन्ना का मतलब सोना होता है।
ईएलटीआई के प्राचार्य डॉ. स्कंद शुक्ल ने बताया कि अंग्रेजी की किताब में हिंदी में शब्दार्थ दिए गए हैं जिससे कि किताबें बच्चों और शिक्षकों को भी पढ़ने-पढ़ाने में ज्यादा समस्या न आए। इसके अतिरिक्त छोटी-छोटी चीजें जोड़ी गई हैं। किसी अन्य प्रदेश के संदर्भ में दी गई विषयवस्तु में प्रयुक्त अपरिचित शब्दों के हिंदी अर्थ भी दिए गए हैं, जिससे राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 की भावना के अनुरूप बच्चों में अन्य भारतीय भाषाओं में भी रुचि पैदा हो सके।
अंग्रेजी की किताब में जोड़ा हिंदी का शब्दकोष
ईएलटीआई के विशेषज्ञों ने कक्षा चार की अंग्रेजी की किताब में कठिन शब्दों का हिंदी में अर्थ भी दिया है। साथ ही उन शब्दों का उच्चारण करना भी बताया गया है। ग्रामीण परिवेश के जिन बच्चों को अंग्रेजी समझने में कठिनाई होती है, उन्हें कठिन शब्द समझने में आसानी होगी।
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