टीईटी पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला, BTC शिक्षक संघ ने मांगी सरकार से स्पष्टता

टीईटी पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला, BTC शिक्षक संघ ने मांगी सरकार से स्पष्टता

विशिष्ट बीटीसी शिक्षक वेलफेयर एसोसिएशन ने हाल ही में सुप्रीम कोर्ट द्वारा टीईटी (टीचर एलिजिबिलिटी टेस्ट) से जुड़ी मामलों पर लिए गए फैसले को लेकर चिंता जताई है। एसोसिएशन के विधि विशेषज्ञ अरुण कुमार और विधि सलाहकार आमोद श्रीवास्तव ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले का पूर्वव्यापी प्रभाव नहीं होना चाहिए।

उन्होंने बताया कि यदि यह फैसला पूर्वव्यापी रूप में लागू किया गया, तो इससे वर्तमान में नियुक्त शिक्षक और भविष्य के चयन प्रक्रिया पर असर पड़ सकता है। इस दिशा में उन्होंने सरकार से मांग की है कि वह सुप्रीम कोर्ट में अपना पक्ष रखते हुए स्थिति को स्पष्ट करे, ताकि शिक्षक समुदाय में किसी प्रकार की अनिश्चितता या असमंजस की स्थिति उत्पन्न न हो।


विशेषज्ञों का कहना है कि टीईटी से जुड़े फैसले का सटीक और समयबद्ध पालन आवश्यक है। उन्होंने यह भी सुझाव दिया कि सरकार को शिक्षक समुदाय और संबंधित पक्षों को स्पष्ट दिशा-निर्देश और संचार प्रदान करना चाहिए, ताकि किसी भी तरह की भ्रम की स्थिति न बने।

बीटीसी शिक्षक संघ ने कहा कि इस मामले में शिक्षकों की रोजगार सुरक्षा और चयन प्रक्रिया की पारदर्शिता बनाए रखना प्राथमिकता होनी चाहिए। उन्होंने यह भी बताया कि शिक्षक समुदाय सुप्रीम कोर्ट के निर्णय का सम्मान करता है, लेकिन पूर्वव्यापी प्रभाव से संभावित विवाद और नौकरी संबंधी परेशानियों को लेकर संघ सतर्क है।

सरकार के अधिकारियों ने अभी इस मामले पर कोई आधिकारिक टिप्पणी नहीं दी है। हालांकि, सूत्रों का कहना है कि राज्य सरकार सुप्रीम कोर्ट में अपना पक्ष रखते हुए निर्णय को शिक्षकों और संबंधित पक्षों के हित में स्पष्ट करने की दिशा में काम कर रही है।

विधि विशेषज्ञ अरुण कुमार ने कहा कि शिक्षक समुदाय को किसी भी निर्णय से पहले स्पष्टता और कानूनी दिशा-निर्देश मिलने चाहिए। उन्होंने कहा कि टीईटी जैसी पात्रता परीक्षाओं का उद्देश्य शिक्षक नियुक्तियों में योग्यता और पारदर्शिता सुनिश्चित करना है, और इस प्रक्रिया में किसी भी तरह की अनिश्चितता शिक्षक समुदाय के लिए हानिकारक हो सकती है।

विशेषज्ञ आमोद श्रीवास्तव ने भी यह जोर दिया कि सुप्रीम कोर्ट का निर्णय भविष्य की नियुक्तियों और शिक्षक चयन प्रक्रिया में मार्गदर्शन देने वाला होना चाहिए, न कि उन पर नकारात्मक प्रभाव डालने वाला। उन्होंने सरकार से अपील की कि शिक्षक समुदाय के हित में स्पष्ट और समय पर दिशा-निर्देश जारी किए जाएं।

कुल मिलाकर, टीईटी से संबंधित सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद बीटीसी शिक्षक संघ ने सरकार से स्पष्टता और पूर्वव्यापी प्रभाव से बचने की मांग की है। यह कदम शिक्षक समुदाय की सुरक्षा और नियुक्ति प्रक्रिया की पारदर्शिता सुनिश्चित करने के उद्देश्य से उठाया गया है। संघ का मानना है कि सही दिशा-निर्देश और समय पर निर्णय से शिक्षक समुदाय में स्थिरता और विश्वास बना रहेगा।

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