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ITR रिफंड में क्यों हो रही है देरी? कहीं आपने भी तो नहीं कर दीं ये गलतियां ITR REFUND

ITR रिफंड में क्यों हो रही है देरी? कहीं आपने भी तो नहीं कर दीं ये गलतियां

आयकर रिटर्न (ITR) फाइल करना टैक्सपेयर्स के लिए एक ज़रूरी प्रक्रिया होती है. इससे मिलने वाला रिफंड टैक्सपेयर्स के लिए एक अच्छी खबर है लेकिन अगर लंबे समय के इंतजार के बाद भी रिफंड खाते में नहीं आता, तो चिंता बढ़ जाती है.

कई लोगों को आयकर रिटर्न फाइलिंग के बाद रिफंड ना मिलने की समस्या का सामना करना पड़ता है. ऐसे में अगर आपने असेसमेंट ईयर 2025-26 के लिए समय पर ITR दाखिल किया है और अब तक रिफंड नहीं आया है, तो इसके पीछे कुछ सामान्य लेकिन महत्वपूर्ण कारण हो सकते हैं.


ई-वेरिफिकेशन न होना

आईटीआर दाखिल करना ही पर्याप्त नहीं है, जब तक आप अपने रिटर्न को ई-वैरिफाई नहीं करते, तब तक आयकर विभाग उस पर कोई कार्रवाई नहीं करता. ई-वेरिफिकेशन के बिना, रिफंड प्रक्रिया शुरू ही नहीं होती.

आधार और PAN की लिंकिंग में गड़बड़ी

आयकर विभाग ने ITR फाइल करने के लिए पैन कार्ड को आधार से लिंक करना अनिवार्य कर दिया है. यदि आपके डाक्यूमेंट्स में कोई भी मिसमैच है, जैसे नाम की स्पेलिंग अलग होना या जन्मतिथि में अंतर तो लिंकिंग पूरी नहीं हो पाएगी. यही नहीं, अगर आपने लिंकिंग की प्रक्रिया पूरी नहीं की है, तो रिफंड की प्रक्रिया शुरू ही नहीं हो सकेगी. इसलिए सबसे पहले यह जांचें कि पैन और आधार सही तरीके से लिंक हैं या नहीं.

दस्तावेज़ों में असमानता

अगर आपके फॉर्म 26AS, फॉर्म 16, और वार्षिक सूचना विवरण (AIS) में दिए गए आंकड़े मेल नहीं खाते, तो यह भी एक कारण हो सकता है. उदाहरण के तौर पर, अगर आपकी टीडीएस एंट्री फॉर्म 26AS में दिख रही है लेकिन आपने उसे ITR में शामिल नहीं किया है, तो विभाग आपसे स्पष्टीकरण मांग सकता है और रिफंड प्रोसेस को रोक सकता है.

झूठे दावों या अधूरी जानकारी की वजह से रोक

कई बार करदाता टैक्स बचाने के लिए कुछ कटौतियों या छूटों का दावा कर देते हैं जिनके लिए उनके पास पर्याप्त दस्तावेज़ नहीं होते. ऐसे मामलों में आयकर विभाग रिटर्न को जांच के लिए रोक सकता है. विशेष रूप से अगर आपने बड़ी राशि के रिफंड का दावा किया है, तो विभाग अतिरिक्त जांच जरूर करता है. अगर जानकारी सही नहीं पाई जाती है, तो रिफंड देने में देरी हो सकती है या उसे खारिज भी किया जा सकता है.

बैंक खाता जानकारी में त्रुटि

ITR भरते समय आपका बैंक खाता वह जरिया होता है जिसमें रिफंड भेजा जाता है. लेकिन अगर आपने गलत अकाउंट नंबर या IFSC कोड भर दिया है, या आपका बैंक खाता आयकर पोर्टल पर वेरिफाई नहीं है, तो रिफंड लटक सकता है. ध्यान रहे कि केवल वही बैंक खाता मान्य है जो पहले से वैरिफाई हो और आपके नाम पर हो.

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