टपक रहे स्कूलों की मरम्मत के लिए 2.86 करोड़ जारी,, स्कूलों में कम्पोजिट ग्रांट से होंगे ये काम Jerzar School Repair

टपक रहे स्कूलों की मरम्मत के लिए 2.86 करोड़ जारी,, स्कूलों में कम्पोजिट ग्रांट से होंगे ये काम

लखनऊ। प्राइमरी स्कूलों की बारिश में टपक रही छतों व दीवारों और उखड़े हुए प्लास्टर की मरम्मत कम्पोजिट ग्रांट से होगी। शासन ने कम्पोजिट ग्रांट की आधी राशि 286.25 लाख रुपये स्कूल प्रबंधन समिति (एसएमसी) के खाते में भेज दी है। ‘हिन्दुस्तान’ ने प्राइमरी स्कूलों के जर्जर भवनों का मुद्दा उठाया था। जिसमें टपकती छतों व दीवारों और गिरते प्लास्टर वाली कक्षाओं में बच्चे पढ़ाई करने को मजबूर हैं। बीएसए ने जारी कम्पोजिट ग्रांट के आदेश में खण्ड शिक्षाधिकारियों को निर्देश दिये हैं कि बारिश में बच्चों की सुरक्षा के मद्देनजर इस राशि से स्कूलों में छत की साफ सफाई, वाटर प्रूफिंग, छत और दीवारों के उखड़ते प्लास्टर की मरम्मत प्राथमिकता के आधार पर कराएं। इसी राशि से स्वच्छता अभियान, निपुण भारत लोगो, रसोईघर व बर्तनों की सफाई व पीने के पानी के इंतजाम, समेत जाएंगे। बीएसए राम प्रवेश ने नगर और ग्रामीण क्षेत्र के 1433 प्राइमरी और अपर प्राइमरी स्कूल और विलय किये गए 166 स्कूलों के एसएमसी खाते में इस वर्ष की आधी कम्पोजिट ग्रांट भेजी है। हर वर्ष 100 छात्र संख्या तक के स्कूलों को 25 हजार, 100 से 250 छात्र संख्या वाले स्कूलों को 50 हजार और 250 से 500 छात्र संख्या वाले स्कूलों को 75 हजार रुपये और 500 से अधिक छात्र संख्या के स्कूलों को एक लाख रुपये दिये जाते हैं।


जर्जर कक्षाओं की मरम्मत की मांग

बारिश से बहुत से स्कूलों के जर्जर भवन की कक्षाओं की छत ,दीवारों से पानी टपक रहा है। प्रधानाध्यापकों ने स्कूलों के जर्जर भवनों की मरम्मत के लिये बीएसए, खण्ड शिक्षाधिकारियों को भेजे शिकायती भेजे हैं। बंद पड़े जर्जर भवनों के ध्वस्तीकरण और अतिरिक्त कक्ष बनाए जाने की मांग उठायी है।

स्कूलों में कम्पोजिट ग्रांट से होंगे ये काम

● स्कूल भवन की जर्जर छत, दीवार और फर्श की मरम्मत

● 10% से स्कूल भवन, परिसर और छात्रों की स्वच्छता का काम

● स्कूल की दीवारों पर निपुण भारत के लोगो की पेंटिंग

● रसोईघर, बर्तन, पेयजल के इंतजाम

● शौचालय की मरम्मत, टाइलीकरण

● स्कूल भवन की रंगाई पोताई और कक्षाओं में लगे बल्ब और पंखों की मरम्मत

Post a Comment

أحدث أقدم