उत्तर प्रदेश के हर जिले के परिषदीय स्कूलों से 10-10 शिक्षक भेजे जाएंगे IIT कानपुर, जानें क्यों?
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हर जिले से 10 शिक्षक होंगे IIT कानपुर में प्रशिक्षित, देखें आदेश
डायट के प्राचार्यों और प्रवक्ताओं को भी दिलाया जाएगा प्रशिक्षण
लखनऊ। परिषदीय विद्यालयों के शिक्षक व जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थानों (डायट) के प्राचार्य व प्रवक्ता देश के प्रतिष्ठित तकनीकी व प्रबंधन संस्थानों से प्रशिक्षण हासिल करेंगे। बाद में वे प्रशिक्षण में सीखी आधुनिक तकनीक से बच्चों को भी प्रशिक्षित करेंगे। इसके लिए राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (एससीईआरटी) ने विस्तृत कार्यक्रम तैयार किया है।
दरअसल, परिषदीय विद्यालयों में कक्षा छह से आठ के पाठ्यक्रम में डिजिटल साक्षरता, कोडिंग व आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस आधारित कंप्यूटर पढ़ाई को शामिल किया गया है। इसका मकसद बच्चों को भविष्य की जरूरतों के अनुरूप तैयार करना है। इसी क्रम में एससीईआरटी की ओर से उच्च प्राथमिक व कंपोजिट विद्यालय के करीब 44 हजार शिक्षकों को विशेषज्ञों से प्रशिक्षण दिलाया गया है।
अब बेसिक शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव दीपक कुमार की पहल पर शिक्षकों को राष्ट्रीय महत्व के संस्थानों में प्रशिक्षण दिलाने का निर्णय लिया गया है। इसके अनुसार परिषदीय विद्यालयों के 750 शिक्षक आईआईटी कानपुर से डिजिटल साक्षरता का पाठ पढ़ेंगे।
शिक्षकों को आईआईटी कानपुर में आवासीय प्रशिक्षण दिलाया जाएगा ताकि वे इस क्षेत्र में चल रहे बदलावों से न सिर्फ रूबरू हों, बल्कि चुनौतियों को भी समझ सकें। एससीईआरटी के संयुक्त निदेशक डॉ. पवन सचान ने बताया कि प्रशिक्षित शिक्षक आगे बच्चों को आधुनिक तकनीक से बेहतर तरीके से पढ़ाएंगे।
इससे बच्चों को शुरुआत से ही कंप्यूटर व अन्य क्षेत्रों की जानकारी होगी। वे आगे इस क्षेत्र में और बेहतर करने के प्रेरित होंगे। उन्होंने बताया कि इससे पहले हाल ही में डायट प्रवक्ताओं को आईआईटी लखनऊ में प्रशिक्षण दिलाया गया है। इसमें विशेषज्ञों के द्वारा उन्हें तकनीकी क्षेत्र की बारीकी व डिजिटल साक्षरता के प्रति जागरूक किया गया है।
हर जिले से 10 शिक्षक होंगे चयनित
डॉ. सचान ने बताया कि इस क्षेत्र में बेहतर काम व पठन-पाठन करा रहे हर जिले से 10 शिक्षकों की सूची मांगी गई है। इससे 750 शिक्षकों को आईआईटी कानपुर प्रशिक्षण के लिए भेजा जाएगा। साथ ही डायट के प्राचार्यों का आईआईएम अहमदाबाद में प्रशिक्षण कराया जाएगा। इसके लिए भी विस्तृत कार्यक्रम तैयार किया जा रहा है। इससे उनमें नेतृत्व क्षमता का विकास होगा।
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