ऐसे में जिले के वे प्राथमिक स्कूल जहां बच्चे कम हैं और शिक्षक ज्यादा है वहां से शिक्षकों को हटाते हुए अधिक बच्चों वाले स्कूल में भेजा जाएगा। इसको लेकर छात्र संख्या के आधार पर मानव संपदा पोर्टल पर शिक्षकों और बच्चों का ब्योरा दुरुस्त करने के आदेश दिए गए हैं। ताकि पोर्टल से ही शिक्षकों के एक विद्यालय से दूसरे विद्यालय में स्थानांतरण किया जा सके।
शिक्षकों और बच्चों का अनुपात बराबर नहीं
जिले में 1401 परिषदीय विद्यालय हैं। ग्रामीण अंचल 50 से अधिक ऐसे विद्यालय हैं, जहां शिक्षकों और बच्चों का अनुपात बराबर नहीं है। नियमत: 30 बच्चों पर एक शिक्षक का होना अनिवार्य है। कई विद्यालयों में बच्चों की संख्या 25 से 30 है और शिक्षकों की संख्या पांच से छह है जबकि कई विद्यालय ऐसे भी हैं जहां शिक्षकों की संख्या सिर्फ दो से तीन लेकिन वहां बच्चों की संख्या 200 से 250 है।
इस स्थिति को देखते हुए विभाग का प्रयास है कि इस अनुपात में सुधार किया जाए। लंबे समय बाद विभाग समायोजन करने जा रहा है। महानगर विस्तारित सीमा में शिक्षक विहीन स्कूलों को अगर नगर क्षेत्र में शामिल कर छात्र संख्या अनुपात से अधिक शिक्षकों को समायोजित कर दिया जाए तो नगर क्षेत्र के सभी एकल एवं शिक्षक विहीन स्कूलों में शिक्षक उपलब्ध हो जाएंगे।
बीएसए अजीत कुमार का कहना है कि सचिव बेसिक शिक्षा के निर्देश पर समायोजन से पूर्व मानव संपदा पोर्टल पर शिक्षकों के सारे विवरण दुरुस्त कराए जा रहे हैं। प्रयास है कि ऐसे स्कूल जहां बच्चे कम हैं और शिक्षक ज्यादा है वहां से शिक्षकों को अधिक बच्चों वाले स्कूल में भेजा जाएं। निर्धारित समय से मानव संपदा पोर्टल के माध्यम से समायोजन प्रक्रिया पूरी की जाएगी।