Mother's Day 2024: देवताओं के समान है मां का स्थान, वेदों में मिलता है जननी की महिमा का बखान
Mother's Day 2024
डेस्क, नई दिल्ली। Mothers Day 2024 Date: हिंदू धर्म में मां को भगवान से कम नहीं माना गया। प्रत्येक वर्ष मई में आने वाले दूसरे रविवार को मदर्स डे यानी मातृ दिवस के रूप में मनाया जाता है।
Mother's Day 2024 |
देवों के समान पूजनीय
मातृदेवो भव। पितृदेवो भव।
सनातन धर्म में माता पिता को देवताओं का ही दर्जा दिया गया है, जिसका संकेत इस श्लोक में मिलता है। इस श्लोक का अर्थ है कि माता-पिता भगवान के समान ही पूजनीय है। इस श्लोक में भी माता को पहले रख गया है, जो उनकी श्रेष्ठता को दर्शाता है।
वाल्मीकि रामायण में मिलता है वर्णन
जननी जन्मभूमिश्च स्वर्गदपि गरीयसी।
वाल्मीकि रामायण, हिंदुओं के लिए एक बहुत ही पवित्र और महत्वपूर्ण ग्रंथ है। रामायण के इस श्लोक में आचार्य वाल्मीकि कहते हैं, कि माता और मातृभूमि का स्थान स्वर्ग से भी ऊपर होता है और उनके चरणों में ही वैकुंठ धाम है।
तीन सबसे बड़े शिक्षक
अथ शिक्षा प्रवक्ष्यामः
मातृमान् पितृमानाचार्यवान पुरूषो वेदः।
इस श्लोक जीवन के तीन सबसे उत्तम शिक्षकों के बारे में बताया गया है और इसमें भी पहला स्थान मां को ही दिया गया है। इसके बाद पिता का स्थान है और फिर आचार्य का। इनके सानिध्य के बिना मनुष्य कभी सच्चे ज्ञान की प्राप्ति नहीं कर सकता।
मां के समान कोई रक्षक नहीं
नास्ति मातृसमा छाया, नास्ति मातृसमा गतिः।
नास्ति मातृसमं त्राण, नास्ति मातृसमा प्रिया।।
यह श्लोक जीवन में माता के महत्व को बताता है। इस श्लोक में कहा गया है, माता के समान कोई छाया नहीं है और न ही उनके समान कोई सहारा है। न तो दुनिया में मां के समान कोई रक्षक नहीं और उनके समान कोई प्रिय वस्तु भी नहीं है।
- Mother's day पर मम्मी को वास्तु के अनुसार दे सकते हैं ये गिफ्ट, खुशी के साथ-साथ भाग्य में भी होगी वृद्धि
'माता गुरुतरा भूमेरू।'
महाभारत में भी मां की महिमा का जिक्र किया गया है। एक प्रसंग के दौरान जब यक्ष धर्मराज युधिष्ठर से सवाल पूछते हैं कि 'भूमि से भारी कौन है?' तब युधिष्ठर इसके उत्तर में कहते हैं कि माता इस भूमि से कहीं अधिक भारी होती हैं। अर्थात संसार में माता का स्थान सबसे अधिक गौरवपूर्ण है।
डिसक्लेमर: 'इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।'