सपा शासनकाल के दौरान प्रदेश के 51 जनपदों में बेसिक शिक्षा विभाग में 12460 पदों पर भर्ती निकली थी। जिले में भर्ती के तहत 335 पद मिले थे। जनपद के निवासी अभ्यर्थी को इसमें प्राथमिकता दी गई थी। इस पर दूसरे जनपदों के अभ्यर्थी प्रक्रिया में सम्मिलित नहीं हो पाए। यह अभ्यर्थी कोर्ट चले गए। कोर्ट ने आदेश जारी किया कि दोबारा से इसकी मेरिट बनाई जाए। मेरिट में उन शिक्षकों को अभ्यर्थी माना जाए जो शिक्षक के पद पर नौकरी कर रहे हैं। इसके बाद जिला स्तर पर बीएसए द्वारा उच्चाधिकारियों के निर्देशन में सूची को पोर्टल पर अपलोड कर दिया गया।
शुक्रवार को कार्यालय के सभागार में दो काउंटर बनाए गए। दोनों काउंटर पर शिक्षकों के अभिलेखों की पड़ताल की गई। सुबह से शाम तक दोनों काउंटर पर सिर्फ 32 शिक्षक और अभ्यर्थी काउंसिलिंग कराने पहुंचे। इनके अभिलेखों को सत्यापन के लिए कार्यालय में जमा कर लिया गया। बीएसए दिनेश कुमार ने बताया कि काउंसलिग की सूचना विभाग को भेजी जाएगी। आगे जो निर्देश मिलेंगे, उसके अनुसार कार्य किया जाएगा।