स्थायी सेवा नियमावली व मूल विद्यालय में वापसी की मांग
Demand for permanent service rules and return to original school
जिलाध्यक्ष रजनीश पाठक ने बताया कि प्रदेश के परिषदीय विद्यालयों में लगभग एक लाख पचास हजार शिक्षामित्र 23 सालों से कार्य कर रहे हैं। 25 जुलाई 2017 में सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद शिक्षामित्रों के परिवारों पर संकट खड़ा हो गया है। अब तक लगभग 8000 शिक्षकों का मानसिक पीड़ा कारण हुए ह्दयघात के शिकार हो चुके हैं। ऐसे उनको न्याय मिलता बहुत जरूरी है। मांग किया कि शिक्षकों को संवैधानिक व्यवस्था के अनुसार समान कार्य के लिए समान लागू करते हुए स्थायी सेवा नियमावली बनाई जाए और शिक्षामित्रों को पूर्व की भांति मूल विद्यालय वापसी का आदेश दिया जाए।
साथ ही महिलाओं को उनके ससुराल और मृतक शिक्षामित्रों के परिवार को सरकारी नौकरी और मुआवजा दी जाए। इस दौरान नागेन्द्र तिवारी, दीपक श्रीवास्तव, शिव कुमार पांडेय, अवधेश यादव, देवराज, मनीष चौबे, बिंदू तिवारी, विपुल तिवारी, संदीप तिवारी सहित अन्य रहे।