Teachers Pramotion प्रदेश के हजारों शिक्षक संकट में, रुकीं पदोन्नतियां

Imran Khan
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प्रदेश के हजारों शिक्षक संकट में, रुकीं पदोन्नतियां

उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन आयोग भंग कर शिक्षा सेवा चयन बोर्ड बनने के बाद प्रदेश के हजारों शिक्षक संकट में हैं। सामान्य तौर पर नई नियमावली लागू होने तक पुराने आयोग की धाराएं बनी रहती हैं पर वर्तमान में इसे निष्प्रभावी कर दिया गया है।

शिक्षक विधायक राज बहादुर सिंह चंदेल का कहना है कि जब तक नया आयोग पूरी तरह प्रभावी न हो जाए तब तक पूर्व आयोग की धाराओं को बनाए रखा जाए या इसका विकल्प निकालें। उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षक संघ (चंदेल गुट) के संरक्षक राज बहादुर सिंह चंदेल व दो पूर्व एमएलसी रामबाबू शास्त्री और चेतनारायण सिंह का कहना है कि पुराने सेवा चयन आयोग के भंग होने से न तो शिक्षकों की पदोन्नतियां हो पा रही हैं और न कार्यवाहक प्रधानाचार्य को प्रधानाचार्य पद का वेतन मिल रहा है। इनके टर्मिनेशन आदि से सम्बंधित मामले थे, वह भी लंबित हैं।

शासन को लिखा पत्र, बताईं दिक्कतें

शिक्षक विधायक ने अपर मुख्य सचिव (माध्यमिक शिक्षा) को पत्र लिख कहा कि पुराने आयोग की धारा 18 (1) के अंतर्गत वरिष्ठतम शिक्षक की अस्थायी पदोन्नति की प्रक्रिया से पद भरे जाने और प्रधानाध्यापक अथवा प्रधानाचार्य के पद पर कार्य करने वाले वरिष्ठतम शिक्षक को कार्य पद का वेतन नहीं मिल रहा है। धारा 12 के तहत सहायक शिक्षक पद (एलटी ग्रेड) से प्रवक्ता पद पर पदोन्नति नहीं हो पा रही है।

नए आयोग के प्रभावी होने में समय

शिक्षक विधायक ने कहा कि नए आयोग को पूरी तरह प्रभावी होने में समय लगेगा। अभी नियमावली को सदन से भी पारित कराया जाना है। ऐसे में कोई काम बाधित न हो तब तक शिक्षा सेवा आयोग की अध्यक्षता में एक तीन सदस्यी समिति का गठन किया जाए। इससे संकट का समाधान हो जाएगा।

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