प्रार्थना सभा में अब पांच मिनट छात्र पढ़ेंगे अखबार
अयोध्या, संवाददाता। माध्यमिक विद्यालयों में अध्ययन करने वाले छात्र-छात्राओं में पढ़ने की अभिरुचि विकसित करने एवं 'स्कीन टाइम' कम करने के लिए 'रीडिंग कैंपेन' को प्रभावी बनाया जाएगा।
इसी के मद्देनजर विद्यार्थियों को पुस्तकों के साथ ही समाचार पत्रों को भी विद्यालय की दैनिक पठन की संस्कृति का अनिवार्य अंग बनाया जाएगा। इसका उद्देश्य विद्यार्थियों को सामान्य ज्ञान अच्छा हो सके। साथ ही उनकी समसामयिक विषयों पर पकड़ मजबूत हो सके, जो भविष्य की प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए महत्वपूर्ण है। इसलिए अब एक जनवरी से सभी विद्यालयों को पांच विभिन्न समाचार पत्र विद्यालय में रखना अनिवार्य होगा। विद्यालय में प्रार्थना सभा के दौरान पांच मिनट विद्यार्थी मुख्य समाचारों को भी पढ़ेंगे।
सरकार का मानना है कि नियमित समाचार पत्र के पठन से विद्यार्थियों की शब्दावली और भाषा शैली में सुधार होता है। विभिन्न प्रकार के लेख और संपादकीय पढ़ने से उनकी लेखन क्षमता विकसित होती है। विविध दृष्टिकोणों और विश्लेषणों को पड़ने से विद्यार्थियों में 'किटिकल थिंकिंग' और सही गलत सोचने की क्षमता विकसित होती है और उन्हें फेक न्यूज के दौर में जागरुक बनाती है। जिला विद्यालय निरीक्षक डॉ.पवन कुमार तिवारी ने बताया कि इसी के मद्देनजर सभी माध्यमिक विद्यालयों को यह निर्देश दिये गए हैं कि वह हिन्दी व अंग्रेजी के पांच समाचार पत्रों की विद्यालय में उपलब्धता सुनिश्चित कराएं। इस सम्बन्ध में निर्देश दिये गए हैं कि पुस्तकालय में एक जनवरी से समाचार पत्रों की उपलब्धता सुनिश्चित की जाए। प्रार्थना सभा में प्रतिदिन 10 मिनट का समय समाचार वाचन' के लिए निर्धारित किया जाएगा। इसमें रोटेशन के आधार पर विद्यार्थी संपादकीय लेख के मुख्य अंश, राष्ट्रीय, अंतरराष्ट्रीय और खेल जगत की प्रमुख सकारात्मक खबरें पढ़कर सुनायी जाएगी। प्रतिदिन समाचार पत्रों में से पांच नए कठिन शब्दों का चयन कर उनका अर्थ प्रार्थना सभा में बताया जाए। इन शब्दों को विद्यालय के डिस्पले बोर्ड/ब्लैक बोर्ड पर 'आज का सुविचार' के साथ अनिवार्य रूप से अंकित किया जाएगा। विद्यालय के लिए मासिक या त्रैमासिक स्तर पर एक विद्यालय समचार पत्र या मैगजीन तैयार करने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा। इसका संपादन विद्यार्थियों की टीम कक्षा नौ से 12 के विद्यार्थियों को सप्ताह में एक बार किसी महत्वपूर्ण स्थानीय संपादकीय विषय पर अपने मौलिक विचार लिखने अथवा कक्ष में संमूह चर्चा करने के लिए प्रेरित किया जाएगा।
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