जिले के एडेड विद्यालयों में प्रधानाचार्य व प्रवक्ता समेत रिक्त हैं 1682 पद aided school vacancy

जिले के एडेड विद्यालयों में प्रधानाचार्य व प्रवक्ता समेत रिक्त हैं 1682 पद

देवरिया, निज संवाददाता। जिले के विभिन्न अशासकीय सहायता प्राप्त(एडेड) विद्यालयों में प्रधानाचार्य, प्रधानाध्यापक एवं सहायक अध्यापक समेत अन्य 1682 पद रिक्त हैं। इनमें सबसे अधिक सहायक अध्यापक के पद रिक्त हैं।

विद्यालयों में पदों के रिक्त होने के कारण छात्र- छात्राओं की पढ़ाई प्रभावित हो रही है। रिक्त पदों कों भरने के लिए उ.प्र. शिक्षा सेवा चयन आयोग द्वारा जिला विद्यालय निरीक्षक कार्यालय से ब्योरा मांगा गया है। जिले के विभिन्न विकास खण्डों में 122 अशासकीय सहायता प्राप्त विद्यालय संचालित हैं। इनमें अधिकांश विद्यालयों में प्रधानाचार्य, प्रवक्ता व सहायक अध्यापक समेत विभिन्न पद रिक्त हैं। विद्यालयों में अध्यापकों के नहीं होने से बच्चों को पढ़ाई करने में परेशानी हो रही है।


वहीं उनकी पढ़ाई भी प्रभावित हो रही है। संबंधित विषयों के अध्यापक न होने के कारण किसी तरह से विद्यालयों में काम चलाया जा रहा है। शिक्षकों के अभाव में बच्चे कोचिंग कर अपनी पढ़ाई किसी तरह से पूरी कर रहे हैं। इसके लिए बच्चों को अतिरिक्त रुपये भी खर्च कर करना पड़ रहा है। जिले में विभिन्न एडेड विद्यालयों में प्रधानाचार्य के 46 पद रिक्त हैं। इसके अलावा प्रधानाध्यापक के 30 पद, प्रवक्ता के 189, सहायक अध्यापक के 1153 पद, लिपिक के 99 पद एवं सहायक अध्यापक सम्बद्ध प्राइमरी के 165 पद रिक्त हैं। इन पदों को भरने के लिए डीआईओएस कार्यालय से ब्योरा मांगा गया है। अगस्त माह में ही मांगी गई थी रिक्तियों की जानकारी जिला विद्यालय निरीक्षक कार्यालय द्वारा प्रवक्ता व सहायक अध्यापक समेत अन्य रिक्त पदों की जानकारी संबंधित विद्यालयों से अगस्त माह में ही मांगी गई थी। इन विद्यालयों को रिक्त पदों की जानकारी देने के साथ ही उससे सम्बन्धित प्रपत्र भी देने के निर्देश दिए गए थे। अधियाचन से संबंधित प्रपत्र 26 अगस्त तक डीआईओएस कार्यालय को उपलब्ध कराने के निर्देश दिए गए थे। इसमें जानकारी देने में लापरवाही बरतने वाले कई विद्यालयों को नोटिस भी जारी किया गया था। आटसोर्सिंग से भरा जा रहा चतुर्थ श्रेणी का पद जिले के 122 एडेड विद्यालयों में 597 चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारियों का पद रिक्त हैं। इन पदों को आउटसोर्सिंग के माध्यम से भरा जा रहा है। जानकारी के अनुसार इनमें कई विद्यालयों में कर्मचारियों की भर्ती की जा चुकी है, जबकि अन्य बचे हुए विद्यालयों में रिक्त पदों को भरने की कार्रवाई की जा रही है।

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