बच्चों को पढ़ाएं स्वतंत्रता सेनानियों के संघर्षों की गाथा : आनंदी बेन
लखनऊ, प्रमुख संवाददाता। राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने कहा है कि विद्यालयों के पुस्तकालयों में स्वतंत्रता संग्राम से संबंधित साहित्य और महान स्वतंत्रता सेनानियों की जीवनियों का होना अनिवार्य है।
बच्चों को नियमित रूप से इनकी जीवनी पढ़ाई जानी चाहिए। जिम्मेदारों को निर्देश देते हुए कहा कि महात्मा गांधी की आत्मकथा को विद्यालयों में अवश्य पढ़ाया जाए और बच्चों को बैठाकर इसे ध्यानपूर्वक पढ़ने के लिए प्रेरित किया जाए। राज्यपाल ने गुरुवार को महात्मा गांधी एवं पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री की जयंती के मौके पर राजभवन में उनके चित्र पर माल्यार्पण कर श्रद्धांजलि अर्पित करते समय यह बात कही। राज्यपाल ने कहा कि दोनों का जीवन आज भी हम सभी को प्रेरणा देता है।
उन्होंने निर्देश दिया कि बच्चों को स्वतंत्रता सेनानियों के संघर्षों, उनके त्याग और उनके बलिदानों की गाथा से अवगत कराना आवश्यक है, ताकि उनमें देशप्रेम और समाज सेवा की भावना विकसित हो। राज्यपाल ने 17 सितंबर से दो अक्तूबर तक 'स्वच्छता ही सेवा पखवाड़ा के अंतर्गत विभिन्न प्रकार की गतिविधियों एवं निबंध, स्लोगन, पेंटिंग, मेहंदी, क्विज एवं वाद-विवाद प्रतियोगिता का आयोजन कराया था। गुरुवार को राज्यपाल ने विजयी प्रतिभागियों व राजभवन में कार्यरत सफाई कर्मियों को सम्मानित किया। विशेष रूप से उन सफाई कर्मियों को प्रेरित किया जिन्होंने नशा त्यागकर अपने जीवन को एक नई दिशा दी है। कार्यक्रम में राजभवन के बच्चों ने महात्मा गांधी के प्रिय भजनों का सामूहिक गायन कर वातावरण को भावपूर्ण बनाया। राज्यपाल ने बच्चों को चाकलेट देकर उनका मनोबल बढ़ाया। सभी उपस्थित जनों स्वच्छता की शपथ भी ली। इस मौके पर राज्यपाल के विशेष कार्याधिकारी सुधीर महादेव बोबडे, विशेष कार्याधिकारी अशोक देसाई, विशेष कार्याधिकारी शिक्षा डा. पंकज एल जानी, विशेष सचिव श्रीप्रकाश गुप्ता आदि भी मौजूद थे।
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