ITR विशेष सूचना: आईटीआर फाइलिंग: 15 सितंबर तक रिटर्न न भरने पर जुर्माना और ब्याज, देर से दाखिले पर 5,000 रुपये तक का अतिरिक्त शुल्क संभव
विलंबित रिटर्न पर सिर्फ जुर्माना ही नहीं, बल्कि देय कर (बकाया) पर हर महीने 1% ब्याज भी देना होगा, जो न्यूनतम आयकर अधिनियम की धारा 234A के तहत आता है. यदि किसी करदाता की आय 5 लाख रुपये से कम है, तो उस पर 1,000 रुपये का जुर्माना लगेगा, लेकिन इससे अधिक आय वालों के लिए यह राशि 5,000 रुपये तक हो सकती है.
समय से आयकर रिटर्न भरना न सिर्फ कानूनी जिम्मेदारी है, बल्कि इससे वित्तीय लेनदेन (लोन, क्रेडिट कार्ड, वीजा आदि) में भी आसानी होती है। इसे समय पर न भरना कई महत्वपूर्ण लाभों से वंचित कर सकता है और आयकर विभाग भविष्य में नोटिस भेज सकता है.
अतः सभी करदाताओं को समय सीमा से पहले अपना ITR दाखिल करना चाहिए, ताकि किसी भी प्रकार के वित्तीय नुकसान, ब्याज और कानूनी परेशानी से बचा जा सके.
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