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CBSE Parenting Tips: सीबीएसई की 21 पैरेटिंग टिप्स. बच्चों को एक गलती पर डांटने से पहले उनकी 5 अच्छी बातों की करें तारीफ

CBSE Parenting Tips: सीबीएसई की 21 पैरेटिंग टिप्स. बच्चों को एक गलती पर डांटने से पहले उनकी 5 अच्छी बातों की करें तारीफ

CBSE Parenting Tips: केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) ने अभिभावकों के लिए पहली बार डिटेल्ड गाइडलाइन जारी की है. दूसरे शब्दों में कहें तो सीबीएसई ने देशभर के अभिभावकों के लिए 21 पेरेंटिंग टिप्स साझा किए हैं.

इसमें सीबीएसई ने अभिभावकों को बताया है कि बच्चों को घर में समझाने का तरीका कैसा होना चाहिए. बोर्ड का कहना है कि माता-पिता अगर बच्चों से सकारात्मक तरीके से बातचीत करेंगे तो इससे न सिर्फ बच्चों के आत्मविश्वास में बढ़ोतरी होगी, बल्कि घर का माहौल भी खुशनुमा रहेगा.

आइए जानते हैं कि सीबीएसई ने अभिभावकों के लिए कौन सी 21 पेरेंटिंग टिप्स जारी की हैं. इसके मायने क्या हैं? कैसे ये अभिभावकों और बच्चों के लिए मददगार साबित हो सकते हैं


5 अच्छी बातों पर तारीफ.. फिर एक गलती पर डांट

सीबीएसई ने अपनी गाइडलाइन में सबसे अहम बात कही है कि बच्चों को डांटने या उनकी गलती बताने से पहले कम से कम 5 अच्छी बातें कहें. इसे बोर्ड ने गोल्डन रेशियो ऑफ 5:1 नाम दिया है. यानी अगर आप बच्चे की एक गलती निकाल रहे हैं, तो उससे पहले उसके पांच अच्छे कामों की तारीफ जरूर करें.

हर बच्चा है यूनिक

सीबीएसई ने अपनी गाइडलाइन में स्पष्ट किया है कि अभिभावकों को बच्चों को अपनी सोशल ट्रॉफी समझने की गलती नहीं करनी चाहिए. यानी सिर्फ उनकी उपलब्धियों को दिखाकर खुद को प्रूव करने की कोशिश न करें. हर बच्चा अलग होता है और उसे उसी रूप में स्वीकार करना ही उसकी असली ताकत बन सकती है.

डांटना नहीं, सजा का उचित तरीका चुनना जरूरी

सीबीएसई ने अभिभावकों को ये भी सलाह दी है कि बच्चों को अनुशासन सिखाने के लिए फिजिकल पनिशमेंट या चीखने-चिल्लाने का तरीका गलत है. इसकी जगह हल्की-फुल्की सजा दी जा सकती है, जैसे टीवी का टाइम घटा देना या आउटिंग कैंसिल कर देना.

बच्चों को सुरक्षा का एहसास कराएं

सीबीएसई की गाइडलाइंस के मुताबिक, बच्चों के अच्छे परफॉर्मेंस का सीधा रिश्ता उनके सिक्योर फीलिंग से जुड़ा होता है. अगर घर का माहौल तनावपूर्ण है या माता-पिता के बीच अनबन रहती है, तो इसका असर बच्चे की पढ़ाई और पर्सनैलिटी दोनों पर पड़ता है.

रिस्पॉन्सिबल बनाना भी जरूरी

सीबीएसई की 21 पेरेंटिंग टिप्स में यह भी शामिल है कि बच्चों को छोटी-छोटी जिम्मेदारियां दें. जैसे घर का सामान जमाना, अपना कमरा साफ रखना, या फैमिली डिस्कशन में हिस्सा लेना. इससे उनमें जिम्मेदारी की भावना आती है और वे खुद फैसले लेना सीखते हैं.

ओपन कम्युनिकेशन रखें

गाइडलाइन कहती है कि बच्चों से बातचीत का दरवाजा हमेशा खुला होना चाहिए. चाहे वो पढ़ाई का प्रेशर हो, दोस्ती की बातें हों या भावनाओं से जुड़ा कोई कन्फ्यूजन, बच्चे को लगे कि वो पैरेंट्स से सब शेयर कर सकता है.

21 टिप्स का फोकस है पॉजिटिव पैरेंटिंग

इन 21 टिप्स का मकसद है कि बच्चे और पैरेंट्स के बीच भरोसे और समझ का रिश्ता मजबूत हो. बोर्ड के मुताबिक, पढ़ाई में अच्छे नंबर लाना ही सबकुछ नहीं है, बल्कि असली मकसद है अच्छा इंसान तैयार करना.

CBSE की 21 पेरेंटिंग टिप्स की लिस्ट

  1. हमेशा 5 पॉजिटिव बातें कहने के बाद ही एक नेगेटिव बात करें.
  2. बच्चों की यूनिकनेस को अपनाएं.
  3. बच्चों को सोशल ट्रॉफी न समझें.
  4. उन्हें सुरक्षा का एहसास कराएं.
  5. बच्चों के साथ क्वालिटी टाइम बिताएं.
  6. सजा का मतलब डांटना नहीं, सही तरीके से अनुशासन सिखाना है.
  7. नेगेटिव बिहेवियर के पीछे छिपे कारण को समझें.
  8. सभी के साथ सम्मान से पेश आएं.
  9. बच्चों को टीमवर्क सिखाएं.
  10. दूसरों के प्रति सहानुभूति और संवेदनशीलता विकसित करें.
  11. पैसे का महत्व सिखाएं.
  12. बच्चों को सोशल स्किल्स सीखने के मौके दें.
  13. स्कूल और शिक्षा के प्रति सकारात्मक दृष्टिकोण रखें.
  14. समस्या समाधान और क्रिटिकल थिंकिंग स्किल्स बढ़ाएं.
  15. बच्चों में रेजिलियंस (संघर्ष झेलने की क्षमता) लाएं.
  16. उन्हें प्लानिंग और ऑर्गनाइजेशन सिखाएं.
  17. छोटे-छोटे लक्ष्य तय करने और पूरे करने के लिए प्रोत्साहित करें.
  18. खुलकर बातचीत करें.
  19. बच्चों को अपनी भावनाएं शेयर करने के लिए प्रेरित करें.
  20. उनके दोस्तों की कद्र करें और उनकी प्राइवेसी का सम्मान करें.
  21. पैरेंट्स को दोस्त जैसा होना चाहिए, लेकिन सीमाओं के साथ.

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