CBSE COURSE धारा 377, तीन तलाक और नए आपराधिक कानून पढ़ेंगे छात्र; सीबीएसई के पाठ्यक्रम में होगा बदलाव

धारा 377, तीन तलाक और नए आपराधिक कानून पढ़ेंगे छात्र; सीबीएसई के पाठ्यक्रम में होगा बदलाव

CBSE: केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) ने 2026-27 सत्र से लीगल स्टडीज के पाठ्यक्रम में धारा 377 को निरस्त करने, ट्रिपल तलाक और देशद्रोह जैसे पुराने कानून खत्म करने तथा भारत के नए आपराधिक कानूनों को शामिल करने का निर्णय लिया है।

सीबीएसई के पाठ्यक्रम समिति ने इस प्रस्ताव को मंजूरी दी थी, जिसे जून में गवर्निंग बॉडी ने भी स्वीकृति दे दी।

अब सीनियर सेकेंडरी के छात्र उपनिवेशकालीन कानूनों की जगह आए नए प्रावधानों, महत्वपूर्ण फैसलों और कानूनी सिद्धांतों का अध्ययन करेंगे, जिन्होंने भारत की न्याय व्यवस्था को नया रूप दिया है।



मिनट्स ऑफ मीटिंग के अनुसार, लीगल स्टडीज की कक्षाएं 11वीं में 2013 और 12वीं में 2014 से शुरू हुईं थीं। तब से भारत के कानूनी ढांचे में बड़े बदलाव हुए हैं, जिनमें 2023-24 में भारतीय दंड संहिता (IPC), दंड प्रक्रिया संहिता (CrPC) और भारतीय साक्ष्य अधिनियम की जगह क्रमशः भारतीय न्याय संहिता (BNS), भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (BNSS) और भारतीय साक्ष्य अधिनियम (BSA) लागू करना शामिल है।

कंटेंट डेवलपमेंट के लिए बनेगी विशेषज्ञ समिति

सीबीएसई अधिकारियों ने बताया कि इसके लिए एक विशेषज्ञ समिति बनाई जाएगी और एक कंटेंट डेवलपमेंट एजेंसी को नियुक्त किया जा सकता है, ताकि अद्यतन किताबें अगले शैक्षणिक सत्र तक तैयार हो जाएं। इन्हें नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) के अनुरूप और आधुनिक शिक्षण पद्धति के साथ तैयार किया जाएगा।

अप्रैल 2024 में शिक्षा निदेशालय ने लीगल स्टडीज को 29 और स्कूलों में शुरू करने की मंजूरी दी थी, साथ ही प्राचार्यों को सीबीएसई द्वारा मांगी गई सभी औपचारिकताएं पूरी करने के निर्देश दिए थे।


Post a Comment

Previous Post Next Post