गणित में भारत की उपलब्धियों को संजोएगा सीबीएसई, तैयार करेगा 150 से 175 पन्नों तक का विस्तृत मोनोग्राफ
CBSE: केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) भारत के गणित क्षेत्र में दिए गए योगदान को दर्ज करने के लिए एक विस्तृत मोनोग्राफ 'भारतीय गणित परंपरा' तैयार करेगा। अधिकारियों के अनुसार, यह एक 150 से 175 पन्नों का 'अथॉरिटेटिव मोनोग्राफ' होगा, जिसमें प्राचीन, मध्यकालीन और आधुनिक भारत की महत्वपूर्ण गणितीय खोजों और नवाचारों का विस्तृत विवरण होगा।
हाल ही में बोर्ड की गवर्निंग बॉडी की बैठक में इस प्रस्ताव को मंजूरी दी गई। एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, "राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) इस बात पर जोर देती है कि भारत की ज्ञान परंपराओं को पाठ्यक्रम में शामिल किया जाए और ऐसे अध्ययन सामग्री विकसित की जाए जो सांस्कृतिक रूप से जुड़ी हो और वैश्विक स्तर पर भी प्रासंगिक हो। इसी उद्देश्य से सीबीएसई भारत के गणित में योगदान पर एक प्रामाणिक मोनोग्राफ तैयार करेगा।"
डिजिटल और प्रिंट रूप में कराया जाएगा उपलब्ध
अधिकारी के अनुसार, यह मोनोग्राफ किसी शैक्षणिक साझेदार या एजेंसी के माध्यम से तैयार किया जाएगा, जिसे खुले चयन प्रक्रिया से चुना जाएगा। तैयार होने के बाद इसे डिजिटल और प्रिंट, दोनों स्वरूपों में स्कूलों, छात्रों और शिक्षकों के लिए उपलब्ध कराया जाएगा।
खगोल विज्ञान और वास्तुकला में भी होगा गणित का उल्लेख
अधिकारियों ने बताया कि इस दस्तावेज में भारतीय गणित के उपयोग को खगोल विज्ञान, वास्तुकला, वाणिज्य और शिक्षा जैसे क्षेत्रों में भी दर्शाया जाएगा। सामग्री की प्रामाणिकता के लिए इसमें मूल संस्कृत श्लोकों का अनुवाद और संदर्भ स्रोत भी शामिल किए जाएंगे।
इन ग्रंथों और विद्वानों का होगा जिक्र
मोनोग्राफ में प्रमुख गणितज्ञों, विचारधाराओं और ग्रंथों जैसे शुल्ब सूत्र, आर्यभाटिया, ब्रह्मस्फुट सिद्धांत, लीलावती और केरल स्कूल ऑफ मैथमेटिक्स के योगदान को विस्तार से शामिल किया जाएगा। इसमें जीवन परिचय, समय-रेखाएं, चित्रों के माध्यम से उदाहरण और विद्यार्थियों की रुचि बढ़ाने वाली सामग्री भी जोड़ी जाएगी।
विशेषज्ञ समिति करेगी मार्गदर्शन
सीबीएसई इस परियोजना के लिए एक विशेषज्ञ सलाहकार समिति बनाएगा, जिसमें गणित के इतिहासकार, संस्कृत विद्वान, गणित शिक्षा विशेषज्ञ और शिक्षाविद शामिल होंगे। यह समिति मोनोग्राफ की संरचना और सामग्री पर मार्गदर्शन देगी।
अधिकारी ने बताया कि इस परियोजना के लिए धनराशि पाठ्यक्रम शोध और संसाधन विकास के लिए अकादमिक इकाई के बजट से या सक्षम प्राधिकारी की विशेष मंजूरी से ली जाएगी।
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