जिले में कुल 190 विद्यालयों का विलय प्रस्तावित था लेकिन 31 विद्यालयों की दूरी और छात्रों की संख्या को देखते हुए विलय को रद्द कर दिया गया है, जबकि कुछ और विद्यालयों का विलय रद्द किए जाने की प्रक्रिया चल रही है। इस प्रकार अभी जिले में कुल 159 विद्यालय विलय की सूची में शामिल हैं।
विलय के बाद जिन विद्यालय भवनों में कक्षाएं रिक्त हो गई हैं, वहां आंगनबाड़ी केंद्र शिफ्ट कर दिए गए हैं। कुछ भवनों में यह प्रक्रिया अभी जारी है। साथ ही इन विद्यालयों में बाल वाटिकाएं भी संचालित की जाएंगी, जिससे बच्चों को प्रारंभिक शिक्षा बेहतर ढंग से मिल सके।
बीएसए रमेंद्र कुमार सिंह बताया कि कोई भी विद्यालय बंद नहीं होगा। पेयरिंग व्यवस्था के तहत 50 छात्रों से कम और एक किलोमीटर से कम वाले विद्यालयों को नजदीकी विद्यालयों से जोड़ा गया है, ताकि पठन-पाठन प्रभावित न हो। उन्होंने सभी एआरपी, प्रधानाध्यापकों और शिक्षक संघ पदाधिकारियों से नामांकन बढ़ाने और शिक्षा की गुणवत्ता पर ध्यान केंद्रित करने की बात कही है।
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