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यूपी के 434 प्राइमरी स्कूलों में सबकी सैलरी रोकने का आदेश, जानें ऐसा क्यों हुआ? UP BASIC SCHOOLS

यूपी के 434 प्राइमरी स्कूलों में सबकी सैलरी रोकने का आदेश, जानें ऐसा क्यों हुआ?

यूपी के बरेली में 434 प्राइमरी स्कूलों में सबकी सैलरी रोकने का आदेश हुआ है। यू-डायस पोर्टल में स्कूल प्रोफाइल, अध्यापक प्रोफाइल, छात्र मॉड्यूल, कक्षा एक में प्रवेश नवीन बच्चों की फीडिंग, इंपोर्ट, छात्र नामांकन, गैप और ड्रापबॉक्स का डेटा समय से पूरा नहीं किए जाने के चलते ऐसा हुआ है।


इस कार्यवाही से स्कूलों में हड़कंप मचा हुआ है।

बता दें कि शैक्षिक सत्र 2025-26 में यू-डायस पोर्टल के तीनों मॉड्यूल (प्रोगेशन, स्कूल प्रोफाइल, अध्यापक प्रोफाइल और छात्र मॉड्यूल) अपडेट की प्रक्रिया 25 जून से शुरू हो गई थी। 15 दिनों के अंदर तीनों मॉड्यूल का कार्य पूरा करने के निर्देश शिक्षकों को जारी किए गए थे। इसके बाद भी जिले में 23 अगस्त को यू-डायस पोर्टल में स्कूल प्रोफाइल, अध्यापक प्रोफाइल, छात्र मॉड्यूल, कक्षा एक में प्रवेश नवीन बच्चों की फीडिंग, इंपोर्ट, छात्र नामांकन, गैप और ड्रापबॉक्स का डेटा पूरा नहीं किया गया। इस कारण बेसिक शिक्षा अधिकारी संजय सिंह ने जिले के 434 विद्यालयों के सभी स्टाफ का अगस्त महीने का वेतन तत्काल प्रभाव से रोकने के आदेश जारी करते हुए इस कार्य को तुरंत पूरा करने के निर्देश दिए हैं।

बीएसए संजय सिंह ने बताया कि जिले के 19 ब्लॉकों के 434 स्कूलों में ड्रॉपबॉक्स 2025-26 की संख्या 10445 व कक्षा एक में प्रवेशत 5480 छात्रों का डेटा यू-डायस पोर्टल पर अपलोड नहीं किया गया है। जबकि इस कार्य को प्राथमिकता से करने के लिए सभी खंड शिक्षा अधिकारियों, शिक्षकों को निर्देश कई बार जारी किए गए। बीएसए ने वाट्सएप ग्रुप में सभी खंड शिक्षा अधिकारियों को निर्देशित किया है कि 23 अगस्त तक अगर प्रत्येक दशा में यू-डायस पोर्टल पर सभी चीज अपडेट न कि गई तो अगस्त महीने का संबंधित विद्यालय के सभी स्टाफ का वेतन रोकने के साथ ही एक वेतन वृद्धि भी अग्रिम आदेशों तक के लिए रोक दी जाएगी।

बता दें कि ड्रॉप बॉक्स में बच्चों का पूरा डेटा अपलोड होना है। इसमें कौन बच्चा टीसी ले गया, या नाम कटवाया आदि डेटा अपडेट करना है। शिक्षकों का इस संबंध में कहना है कि जो बच्चा पास हुआ, टीसी ले गया, स्कूल की उच्च कक्षा बच्चा पास या कई बच्चों के अभिभावक पलायन के चलते नाम काटा गया है, अब इनको फिर से इंपोर्ट किया जाना नियम विरुद्ध है।

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