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पेयरिंग से खाली हुए स्कूलों में क्या करेगी यूपी सरकार? मिल गया जवाब; आदेश-प्रक्रिया-कार्यक्रम भी जारी Shifting Of Basic School

पेयरिंग से खाली हुए स्कूलों में क्या करेगी यूपी सरकार? मिल गया जवाब; आदेश-प्रक्रिया-कार्यक्रम भी जारी

Primary school Merging process

प्राइमरी स्कूलों के पेयरिंग से खाली हुए स्कूल भवनों में दो महीने में आगनबाड़ी केंद्र शिफ्ट किए जाएंगे। राज्य सरकार ने इस संबंध में रविवार को आदेश भी जारी कर दिए हैं। यही नहीं सरकार की ओर से इसके स्कूलों की जगह आंगनबाड़ी केन्द्रों की शिफ्टिंग की प्रक्रिया और कार्यक्रम भी जारी कर दिया गया है।

Primary school Merging process
Primary school Merging process

आदेश में कहा गया है कि अब से 15 दिन के भीतर खाली स्कूल भवनों का सर्वेक्षण कर लिया जाए। उसके 15 दिन में ग्राम प्रधान, आगनबाड़ी कार्यकर्ता और अभिभावकों के साथ बैठक कर ली जाए। इसके बाद शिफ्टिंग योग्य पाए गए स्कूल भवनों को चिह्नित करने और उनकी मरम्मत एवं साज-सज्जा के लिए 15 दिन का समय दिया गया है। यह प्रक्रिया पूरी होने के 15 दिन के भीतर उपयुक्त पाए गए स्कूल भवनों में आगनबाड़ी केंद्रों में शिफ्ट कर दिया जाएगा।

अभी तक 10,827 स्कूल भवन हुए हैं खाली

इस माह के पहले सप्ताह में कम छात्र संख्या वाले प्राइमरी स्कूलों की दूसरे नजदीकी स्कूलों में पेयरिंग की गई है। इससे बड़ी संख्या में प्राइमरी स्कूल खाली हुए हैं। महानिदेशक स्कूल शिक्षा कंचन वर्मा ने बाल विकास एवं पुष्टाहार विभाग को 75 जिलों में 10, 827 खाली स्कूलों का ब्योरा भेज दिया है। अब बाल विकास पुष्टाहार विभाग की प्रमुख सचिव लीना जौहरी ने इनमें आगनबाड़ी केंद्रों को स्थानांतरित करने के आदेश दिए हैं। उन्होंने सभी डीएम को स्कूलों की मैपिंग कर स्थानांतरित करने के लिए कहा है। निर्देश हैं कि पहले सीडीओ की अध्यक्षता में जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी, जिला कार्यक्रम अधिकारी, संबंधित खंड शिक्षा अधिकारी और बाल विकास परियोजना अधिकारियों की बैठक होगी। विकास खंड स्तर पर बाल विकास परियोजना अधिकारी और खंड शिक्षा अधिकारी संयुक्त रूप से स्कूलों और वहां संबद्ध किए जाने वाले आगनबाड़ी केंद्रों का निरीक्षण करेंगे।

स्थानांतरित कहां होंगे, कहां नहीं

निरीक्षण में यह देखा जाएगा कि जिस आगनबाड़ी केंद्र को शिफ्ट किया जाना है, वह स्कूल से अधिकतम लगभग 500 मीटर की दूरी पर हो। निर्देश दिए गए हैं कि शिफ्टिंग से पहले यह भी सुनिश्चित कर लिया जाए कि विद्यालय भवन की स्थिति संतोषजनक है और बच्चों की सुरक्षा एवं सुविधा के लिए उपयुक्त है। यदि विद्यालय भवन की स्थिति संतोषजनक नहीं है या आगनबाड़ी केंद्र की दूरी अधिक है तो ऐसे केंद्रों की शिफ्टिंग न की जाए। स्कूल के नजदीक कोई आगनबाड़ी केंद्र जिस बिल्डिंग में चल रहा है, उसकी स्थिति संतोषजनक है और मूलभूत सुविधाएं मौजूद हैं तो उनकी भी शिफ्टिंग न की जाए।

विलय के खिलाफ आंदोलन की चेतावनी

स्कू्लों के मर्जर के खिलाफ संयुक्त संघर्ष संचालन समिति ने अन्य संगठनों को भी साथ लेकर आन्दोलन करने की चेतावनी दी है। रविवार को एस-4 के महासचिव आरके निगम तथा वरिष्ठ उपाध्यक्ष विनय कुमार सिंह की अगुवाई में हुई बैठक हुई। बैठक में बताया गया कि मर्जर से लाखों की संख्या में दलित पिछड़े एवं निर्धन बच्चे शिक्षा से वंचित हो जाएंगे और हजारों की संख्या में पदोन्नति के पद समाप्त हो जाएंगे एवं रसोईया, शिक्षामित्र और अनुदेशकों के पद समाप्त हो जाएंगे।

मौजूद कर्मचारियों ने एक स्वर में कहा कि सरकार शिक्षा के निजीकरण की ओर बढ़ रही है। 28 जुलाई को मर्जर के खिलाफ प्रत्येक जिले में मुख्यमंत्री को संबोधित जिला अधिकारी के द्वारा मर्जर के खिलाफ पत्र प्रेषित किया जाएगा। यह भी तय किया गया कि एस-4 के पदाधिकारी उन संगठनों से भी संपर्क करेंगे जो इसके घटक में शामिल नहीं हैं उनको भी मर्जर के विरोध में एकजुट करने का प्रयास करेगे और संयुक्त रूप से एक बड़े कार्यक्रम की घोषणा की जाएगी।


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