स्कूल बचाने को लेकर आगे आया शिक्षक संघ, स्थानीय लोग बोले स्कूल बनना चाहिए
School Bachao Abhiyan
विष्णुपुरी कन्या पाठशाला को तोड़े जाने पर स्कूल परिसर में किया विरोध प्रदर्शन - शिक्षकों का प्रदर्शन देख स्थानीय लोग भी हुए शामिल, बोले स्कूल ही बनना चाहिए - स्थानीय लोगों ने कहा भ्रष्ट अधिकारियों पर कार्रवाई हो, कैसे बेच दिया स्कूल - स्कूल परिसर में मौजूद पीपल के विशाल वृक्ष को बिना अनुमति काटने का आरोप फोटो 00 अलीगढ़ ।
वरिष्ठ संवाददाता विष्णुपुरी कन्या पाठशाला नंबर 27 को तोड़कर खत्म किए जाने के विरोध में उत्तर प्रदेश जूनियर शिक्षक संघ उतर आया है।
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गुरुवर को शिक्षक संघ ने कन्या पाठशाला 27 नंबर पर पहुंचकर विरोध प्रदर्शन किया। शिक्षकों का प्रदर्शन देखते स्थानीय लोग भी प्रदर्शन में शामिल हो गए। बोले भ्रष्ट अधिकारियों ने मिली भगत से स्कूल को खत्म कर दिया। यहां स्कूल ही बनना चाहिए। विष्णुपुर कन्या पाठशाला 27 नंबर को बचाने को लेकर हिन्दुस्तान अखबार द्वारा प्रतिदिन अधिकारियों की मिली भगत को उजागर किया जा रहा है। अखबार ने ही बताया कि राष्ट्रपति और राज्यपाल का पत्र भी स्कूल को बचा नहीं सका। जिसका संज्ञान लेकर मंडलायुक्त संगीता सिंह ने जिलाधिकारी को पत्र लिखकर कार्रवाई तलब की है। हिन्दुस्तान ने अखबार ने प्रकाशित कर बताया कि एक दिन का वेतन काटने पर शिक्षक सड़क से लेकर कलेक्ट्रेट तक प्रदर्शन करने उतर जाते हैं। पर स्कूल बचाने को लेकर किसी ने आवाज नहीं उठाई। खबर प्रकाशित होने बाद उत्तर प्रदेश जूनियर शिक्षक संघ पूर्व माध्यमिक ने इसका संज्ञान लिया। गुरुवार शाम कन्या पाठशाला 27 नंबर पर पहुंचकर विरोध प्रदर्शन किया। जूनियर शिक्षक संघ जिलाध्यक्ष प्रशांत शर्मा ने कहा कि एक वोट के लिए एक मतदान केंद्र बन जाता है। पर स्कूल में पढ़ रहे बच्चों को कहीं और शिफ्ट कर भूमाफिया को यह जमीन सौंप दी गई। क्या बच्चों के लिए स्कूल नहीं हो सकता है। बेसिक शिक्षा अधिकारी ने क्या सचिव स्तर से अनुमति लेकर यह जमीन सुपुर्द की है। बेसिक शिक्षा अधिकारी किस अधिकार से हर पत्र में लिख रहे हैं कि विद्यालय उनके नियंत्रणाधीन है। स्कूल था, स्कूल ही बनना चाहिए प्रदर्शन कर रहे स्थानीय लोगों ने बताया कि वह वर्षों से इस क्षेत्र में रह रहे हैं। दान की जमीन पर यह स्कूल बना था। पर न जाने कैसे और किस तरह इसे किराए की जमीन घोषित कर दी गई। बच्चों और प्रधानाचार्य से यह स्कूल जबरन खाली करा लिया गया। इतना ही नहीं स्कूल को तोड़कर प्लॉट में तब्दील कर दिया। जिस भी अधिकारी की इसमें संलिप्तता है, उसपर कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए। बिना अनुमित काट दिया विशाल पीपल का वृक्ष स्थानीय लोगों ने आरोप लगाया कि स्कूल सटे एक विशाल पीपल का वृक्ष था। जिससे आस पास शुद्ध हवा का संचार होता था। पर इस पीपल को भी बिना अनुमति काट दिया गया। क्या काटने वालों ने वन विभाग या किसी विभाग से अनुमति ली थी। एक तो पहले स्कूल खत्म कर दिया। ऊपर क्षेत्र में हरियाली के नाम पर पीपल पेड़ था, उसे भी खा गए। इस जगह तो स्कूल ही बनना चाहिए। बिना अग्रवाल हम यहां वर्षों से रह रहे हैं, यह स्कूल दान की जमीन पर बना था, जिसे अधिकारियों ने मिली भगत से खत्म कर दिया है। यहां तो स्कूल ही बनना चाहिए। पिकी चौहान हिन्दुस्तान अखबार के अभियान को नियमित पढ़ रहे हैं। अगर यह जमीन किराये की थी, तो विभाग के पास कोई दस्तावेज क्यों नहीं मौजूद है। किरायानामा कहां है। राजरानी इस स्कूल में आस पास के बच्चे पढ़ते थे। पर स्कूल को जबरन खाली करा लिया गया। स्कूल चलने तक तैनात प्रधानाचार्य के स्कूल की चाभी अभी भी मौजूद है। लाडो देवी सरकारी अधिकारी जैसे चाहें मनमर्जी कर सकते हैं। उन पर कोई सवाल उठाने वाला नहीं है, बड़ी मुश्किल से गरीब बच्चों के लिए स्कूल तो उसे भी खत्म कर दिया। ------------- स्कूल बचाने को लेकर उत्तर प्रदेश जूनियर शिक्षक संघ ने आंदोलन शुरू कर दिया है। आज हमने स्कूल पर प्रदर्शन कर इसकी शुरुआत की है। आने वाले दिनों रणनीति के अनुसार सड़क से लेकर कलेक्ट्रेट तक प्रदर्शन किया जाएगा। विभाग में मौजूद भ्रष्ट अधिकारियों के खिलाफ शिक्षक संघ संघर्ष करता रहेगा। डॉ. प्रशांत शर्मा, जिलाध्यक्ष, उ.प्र. जू. शिक्षक संघ
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