महज एक शिक्षक के सहारे यूपी के 5695 सरकारी स्कूल
Teachers In Basic School UP
प्रयागराज। उत्तर प्रदेश के 5695 सरकारी स्कूल महज एक शिक्षक के सहारे हैं। केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय में वर्ष 2025-26 के लिए नौ अप्रैल को आयोजित प्रोजेक्ट अप्रूवल बोर्ड (पीएबी) की बैठक में उत्तर प्रदेश की ओर से प्रस्तुत रिपोर्ट में ये तथ्य रखे गए हैं।
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रिपोर्ट के मुताबिक शैक्षणिक सत्र 2023-24 में यूपी के 2586 परिषदीय प्राथमिक और 3109 उच्च प्राथमिक स्कूलों में केवल एक-एक शिक्षक ही कार्यरत थे। इसी प्रकार 30 से कम नामांकन वाले स्कूलों की संख्या भी काफी अधिक रही। 2023-24 में 7037 प्राथमिक और 1859 उच्च प्राथमिक स्कूलों में 30 से कम बच्चे अध्ययनरत थे। इसके अलावा प्राथमिक स्तर पर 15 से कम छात्रसंख्या स्कूलों में भी काफी वृद्धि हुई है।
2022-23 में 816 की तुलना में 2023-24 में 1329 स्कूल ऐसे थे जहां 15 से कम छात्र थे। कक्षा एक से आठ तक के स्कूलों में शिक्षकों के 1.37 लाख पद रिक्त हैं। इनमें से 59882 सीधी भर्ती के पद हैं और शेष पदोन्नति के पद हैं। राज्य स्तर पर प्राथमिक विद्यालयों में छात्र शिक्षक अनुपात या पीटीआर (22:1) और उच्च प्राथमिक विद्यालयों में (28:1) है जो कि आरटीई मानदंडों के अनुसार पर्याप्त है। 14 साल बाद भी संचालित गैर-मान्यता प्राप्त स्कूल यूपी में जुलाई 2011 में आरटीई लागू होने के 14 साल बाद भी गैर मान्यता प्राप्त स्कूल संचालित हैं। सत्र 2023-24 की यूडायस रिपोर्ट के अनुसार प्रदेश में 288 गैर-मान्यता प्राप्त स्कूल हैं, जिनमें 22682 छात्र और 1435 शिक्षक नामांकित हैं। वैसे तो वास्तव में देखा जाए तो गैर मान्यता प्राप्त स्कूलों की संख्या इससे कहीं अधिक है। ग्रामीण क्षेत्र में जगह-जगह खुले फर्जी स्कूलों के कारण सरकारी स्कूलों में बच्चों की संख्या कम है। इनका कहना है साढ़े पांच हजार से अधिक स्कूल में केवल एक शिक्षक की तैनाती दु:खद है। 2015 से परिषदीय शिक्षकों की पदोन्नति नहीं हुई और 2018 के बाद से सहायक अध्यापकों की नियुक्ति नहीं हुई है। यही कारण है कि स्कूलों में शिक्षकों की कमी बनी हुई है। देवेन्द्र कुमार श्रीवास्तव, जिलाध्यक्ष प्राथमिक शिक्षक संघ
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