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रिकॉर्ड का सत्यापित करने के बाद विद्यार्थियों का डाटा शासन को भेजा जायेगा। उसके बाद ही विद्यार्थियों को छात्रवृत्ति मिलने का रास्ता साफ होगा।
माध्यमिक शिक्षा एवं उच्च शिक्षा की कक्षाओं में पढ़ने वाले छात्र-छात्राओं को छात्रवृत्ति प्रदान की जाती है। अक्सर देखा जाता है कि कई छात्र छात्रवृत्ति से वंचित रह गये हैं। प्रदेश स्तर पर छात्रवृत्ति वितरण में लगातार मिल रही शिकायतों को संज्ञान लेकर शासन स्तर से नई व्यवस्था की जा रही है।
बायोमेट्रिक डिवाइस के जरिए ही ली जाएगी उपस्थिति
शासन ने वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिये बॉयोमेट्रिक हाजिरी को अनिवार्य करते हुए पत्र जारी किया है, जिसमें आदेशित किया गया कि माध्यमिक और उच्च शिक्षा की कक्षाओं के विद्यार्थियों की उपस्थिति अनिवार्य रूप से बॉयोमेट्रिक डिवाइस के जरिये ली जाये। यह हाजिरी विद्यालय स्तर पर ही ली जायेगी और समाज कल्याण विभाग में जमा कराई जायेगी।
समाज कल्याण विभाग में इसी आधार पर उपस्थिति मान्य होगी। इसके आधार पर ही विभाग छात्रवृत्ति के लिए विद्यार्थी का नाम अग्रसारित किया जायेगा।
बायोमेट्रिक हाजिरी संबंधी आदेश आते ही विद्यालय संचालक परेशान
छात्रवृत्ति योजना नियमावली के तहत नए शैक्षिक सत्र में शासन ने 75 प्रतिशत या उससे अधिक उपस्थिति वाले विद्यार्थियों को शैक्षिक शुल्क एवं छात्रवृत्ति प्रतिपूर्ति की सुविधा देने का निर्णय लिया है। बायोमेट्रिक हाजिरी संबंधी शासनादेश की जानकारी लगते ही कतिपय विद्यालय संचालक परेशान हैं, क्योंकि अधिकांश के पास यह व्यवस्था ही नहीं है।
इस बारे में जिला विद्यालय निरीक्षक ने बताया कि माध्यमिक शिक्षा में कक्षा 9वीं से लेकर 12वीं तक और डिग्री कॉलिजिज में स्नातक व स्नातकोत्तर कक्षाओं के छात्रों को बायोमैट्रिक हाजिरी लगानी होगी। बायोमेट्रिक हाजिरी न लगाने वाले छात्रों को छात्रवृत्ति का लाभ नहीं मिलेगा।