अपने आठ अप्रैल के आदेश में सुप्रीम कोर्ट ने एनसीटीई को शिक्षा मंत्रालय के मार्गदर्शन में यह कोर्स तैयार करने को कहा है।
पाठ्यक्रम तैयार होने के बाद उसे सार्वजनिक किया जाएगा और तय समय सीमा में संबंधित बीएड डिग्रीधारी शिक्षकों को उसे पूरा करना होगा। यदि संबंधित शिक्षक उक्त पाठ्यक्रम में शामिल नहीं होते या फिर तय समय सीमा में उसे पूरा करने में असफल हो जाते हैं तो उनकी नियुक्ति अमान्य हो जाएगी। यह आदेश देशभर के सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों पर समान रूप से लागू होगा।
बीएड डिग्रीधारी शिक्षकों की लड़ाई सुप्रीम कोर्ट में लड़ने वाले राहुल पांडेय का कहना है कि कोर्स बनने के बाद 69000 शिक्षक भर्ती में चयनित उत्तर प्रदेश के तकरीबन 35 हजार शिक्षकों को भी उसे करना होगा।
2011 में पुराने पाठ्यक्रम पर हुआ था प्रशिक्षण
प्रयागराज। परिषदीय प्राथमिक स्कूलों में 72825 प्रशिक्षु शिक्षक भर्ती में भी चयनित 66655 शिक्षकों को छह महीने का प्रशिक्षण कराया गया था। उस समय बेसिक शिक्षा विभाग ने चयनित शिक्षकों को विशिष्ट बीटीसी का पुराना छह माह का प्रशिक्षण करा दिया था। इनकी परीक्षा की जिम्मेदारी परीक्षा नियामक प्राधिकारी कार्यालय को दी गई थी। अब राष्ट्रीय शिक्षा नीति और नेशनल कुरिकुलम फ्रेमवर्क के अनुरूप नए कोर्स को तैयार किया जाएगा।
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