आगामी छह फरवरी तक स्थानीय स्तर पर बारिश के साथ ओलावृष्टि के आसार बने हुए हैं।
चन्द्रशेखर आजाद कृषि प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के मौसम वैज्ञानिक डॉ. एस एन सुनील पाण्डेय ने रविवार को बताया कि पश्चिमी विक्षोभ मध्य क्षोभमंडल में एक गर्त के रूप में पश्चिम हवाओं के साथ अपनी धुरी से 5.8 किमी ऊपर औसत स्तर पर लगभग 65 डिग्री पूर्व देशांतर के साथ 32 डिग्री उत्तर अक्षांश के उत्तर में चल रहा है।
उत्तर भारत में समुद्र तल से 12.6 ऊपर 140 नॉट तक की जेट स्ट्रीम हवाएं जारी हैं। प्रेरित चक्रवाती परिसंचरण उत्तर पश्चिमी राजस्थान और इससे सटे पाकिस्तान पर है। मौसम की इन गतिविधियों को देखते हुए उत्तर प्रदेश में अभी दो दिन आसमान में बादलों की आवाजाही बनी रहेगी। इसके साथ ही गरज चमक के साथ बारिश व ओलावृष्टि की संभावना है। ऐसे में एक बार फिर न्यूनतम तापमान में गिरावट आएगी और सर्दी बरकरार रहेगी।
उन्होंने बताया कि कानपुर में अधिकतम तापमान 18.6 और न्यूनतम तापमान 12.0 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। सुबह की सापेक्षिक आर्द्रता 82 और दोपहर की सापेक्षिक आर्द्रता 73 प्रतिशत रही। हवाओं की दिशाएं उत्तर पूर्व रहीं जिनकी औसत गति 6.4 किमी प्रति घंटा रही।
मौसम पूर्वानुमान के अनुसार अगले पांच दिनों में हल्के से मध्यम बादल छाए रहेंगे। 4 से 6 फरवरी के बीच स्थानीय स्तर पर गरज चमक तेज हवाओं के साथ कहीं कहीं ओलावृष्टि और कहीं कहीं हल्की से मध्यम वर्षा होने की संभावना है।