तनाव में होगी कमी और होगा छात्रों का विकास
केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान की घोषणा का मकसद छात्रों के बीच स्ट्रेस के लेवल को कम करना है. उन्होंने शैक्षणिक गतिविधियों के साथ-साथ कला, संस्कृति और खेल में जुड़ाव को बढ़ावा देने की बात भी कही. इसके लिए हर साल करीब 10 दिन छात्र बिना बैग के स्कूल जा सकेंगे. साल में दो बार बोर्ड परीक्षाओं की शुरुआत का उद्देश्य छात्रों को अच्छा प्रदर्शन करने के लिए ज्यादा मौके देना है. दोनों एग्जाम के बाद फाइनल मार्कशीट बनाई जाएगी, जिसमें दोनों स्कोर देखे जाएंगे.
शिक्षा को बनाया जाएगा बेहतर
केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने एनईपी के उद्देश्य के बार में भी बताया. उन्होंने कहा कि एनईपी लाने का उद्देश्य एक तनाव मुक्त, सांस्कृतिक रूप से जुड़े और अकादमिक रूप से समृद्ध छात्र बनाना हैं. 2047 तक भारत को एक विकसित राष्ट्र में बदलने का उद्देश्य भी रखा गया है और ऐसा करने के लिए छात्रों की और उनकी शिक्षा की विशेष भूमिका होने वाली है.
लाखों छात्र देंगे बोर्ड परीक्षा
गौरतलब है कि केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) के लिए कक्षा 10 और 12 की परीक्षाएं पूरे देश और 26 अन्य देशों में 15 फरवरी से शुरू हुईं. सीबीएसई के मुताबिक, इस साल भारत और 26 दूसरे देशों से 39 लाख से ज्यादा छात्र परीक्षा देंगे. कक्षा 10 की बोर्ड परीक्षाएं 13 मार्च 2024 को खत्म होने वाली हैं और 12वीं की बोर्ड परीक्षाएं 2 अप्रैल को खत्म होने वाली हैं.