यह आदेश यूपी परिवहन यातायात कार्यालय की ओर से शिक्षा निदेशक माध्यमिक को भेजा गया है. यह आदेश यूपी बाल अधिकार संरक्षण आयोग की ओर से दिए गए निर्देश के बाद जारी किया गया है।
इस आदेश में बताया गया है कि कोई पैरेंट्स 18 साल से कम उम्र के लड़के/ लड़कियों को वाहन चलाने के लिए नहीं देगा, नहीं तो उसका जिम्मेदार वह स्वयं होगा. अगर नाबालिग वाहन चलाते पकड़े गए तो इसका जिम्मेदार उनके माता-पिता को माना जाएगा. ऐसे अभिभावकों को 3 साल तक की सजा और 25 हजार रुपया जुर्माने से दंडित किया जा सकता है. साथ ही वाहन का लाइसेंस एक साल के लिए रद्द कर दिया जाएगा।
25 साल के बाद ही बन पाएगा डीएल
जो नाबालिग अगर वाहन चलाते पकड़े गए तो ऐसे लोगों का 25 साल के बाद ही ड्राइविंग लाइसेंस बनेगा. हाईस्कूल और इंटर के लड़के/लड़कियां अधिकतर स्कूटी और अन्य वाहनों से स्कूल आते हैं. लापरवाही से गाड़ी चलाते हुए वे दुर्घटनाओं का भी शिकार बन जाते हैं और वे सड़क पर चल रहे राहगीरों को भी चोट पहुंचा देते हैं. एक्सीडेंट के बढ़ते मामलों को देखते हुए यूपी परिवहन विभाग की ओर से यह कदम उठाया गया है।