इस कार्यशाला में फाउन्डेशनल स्टेज की राज्य पाठ्यचर्या के विभिन्न आयामों एवं बिन्दुओं पर समझ एवं सहमति विकसित करने एवं राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के आलोक में राज्य पाठ्यचर्या की रूपरेखा-फाउन्डेशनल स्टेज के विकास विषय पर राष्ट्रीय स्तर के शिक्षाविदों एवं विशेषज्ञों द्वारा प्रतिभाग कर मार्गदर्शन किया जायेगा।मंगलवार को डॉ. पवन सचान निदेशक राज्य शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद् ने बताया कि तीन दिवसीय राज्य स्तरीय इस कार्यशाला में डॉॅ. धीर झिंगरन, निदेशक, लैंग्वेज एंड लर्निंग फाउण्डेशन, डॉ. रितु चंद्रा, उप सचिव, पूर्व प्राथमिक एवं एफएलएन, शिक्षा मंत्रालय, भारत सरकार, डॉ. अनूप कुमार राजपूत, प्रोफेसर एण्ड हेड प्रकाशन विभाग, एनसीईआरटी, नई दिल्ली, डॉ. गंगा महतो, एसोसिएट प्रोफेसर (अंग्रेजी).
क्षेत्रीय शिक्षा संस्थान, भोपाल एवं डॉ० अमिता बाजपेई, प्रोफेसर, शिक्षा संकाय, लखनऊ विश्वविद्यालय, लखनऊ के शिक्षाविद एवं विशेषज्ञ शामिल होंगे। आगे बताया कि इन शिक्षाविदों एवं विशेषज्ञों के साथ-साथ इस कार्यशाला में एससीईआरटी डायट इकाईयों, राज्य परियोजना कार्यालय के संकाय सदस्य, शिक्षा अधिकारियों एवं अन्य विशिष्ट स्वयंसेवी संस्थाओं के विशेषज्ञों द्वारा प्रतिभाग किया जायेगा।दिशानिर्देशों के तहत भविष्य में प्री-प्राइमरी के पाठ्यक्रम तथा कक्षा 1 और कक्षा 2 के पाठ्यक्रम का विकास किया जायेगा।पाठ्यक्रम विकास के बाद पाठ्यपुस्तकों तथा अन्य शिक्षण सामग्री को तैयार किया जायेगा। इस कार्यशाला के बाद तैयार की जाने वाली राज्य पाठ्यचर्या की रूपरेखा सीखने की सुदृढ़ नींव रखने में मार्गदर्शन प्रदान करेगी। उल्लेखनीय राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 में फाउण्डेशनल स्टेज (3 से 8 आयु वर्ग के बच्चों) की शिक्षा पर विशेष जोर दिया गया है। यह अवस्था सीखने की नींव होती है। फाउण्डेशनल स्टेज में प्री-प्राइमरी से लेकर कक्षा-2 तक सम्मिलित है। प्री-प्राइमरी में 3-6 आयु वर्ग के बच्चे सम्मिलित हैं तथा 6-8 आयु वर्ग में कक्षा 1 और कक्षा 2 के बच्चे हैं।